नयी दिल्ली : फाइनेंसियल टेक्नोलाजीज ने अपने शेयरधारकों से कहा कि वे संकटग्रस्त नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) का उसके साथ प्रस्तावित जबरन विलय का विरोध करें. सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में एनएसईएल को अपनी मूल कंपनी फाइनेंसियल टेक्नोलाजीज (इंडिया) लिमिटेड (एफटीआईएल) के साथ विलय का आदेश दिया था.
कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय के इस आदेश का लक्ष्य उन इकाइयों के बकाये की वसूली सुनिश्चित करना था जो शेयर बाजार में हुए 5,600 करोड रुपये की धोखाधडी से प्रभावित हुई. एफटीआईएल के निदेशक मंडल के चेयरमैन वेंकट चारी ने शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में कहा ‘हम आपकी कंपनी के जिम्मेदार मालिक के तौर पर आपसे निवेदन करते हैं कि आप कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय को इस आदेश के मसौदे पर वास्तविक और तार्किक आपत्ति भेजें.’
चारी, कंपनी के स्वतंत्र और गैर-कार्यकारी निदेशक भी हैं और उन्होंने कहा कि कंपनी हर उपलब्ध कानूनी जरिया अपना रही है ताकि 63,000 से अधिक शेयरधारकों के अधिकारों की रक्षा हो सके. उन्होंने कहा ‘आपके (शेयरधारकों) पास भी विरोध जताकर एनएसईएल के आपकी कंपनी में जबरन विलय पर आपत्ति जताने का अधिकार है.’ हालांकि, एफटीआईएल ने मंत्रालय के विलय के आदेश के मसौदे को चुनौती दी है और बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि मंत्रालय का अंतिम आदेश पारित होने के बाद ही कंपनी इसे चुनौती दे सकती है.
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