नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को बैंकिंग प्रणाली में विश्वसनीयता को सबसे अहम बताया. उन्होंने कुछ बैंकों की कार्यविधि पर चिंता जाहीर की. उन्होंने बैंकिंग उद्योग के प्रबंध व्यवस्था को और अधिक पेशेवर बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग इस दिशा में काम कर रहा है. बैंकों के प्रबंधन को पेशेवर और प्रशिक्षित किये जाने की जरुरत है.
जेटली ने इंडियन बैंक के 108वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां एक समारोह को में कहा, ‘बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है. बैंकिंग उद्योग में हाल के कुछ घटनाक्रम विचलित करने वाले हैं. हमें बैंकिंग उद्योग के स्तर में लगातार सुधार लाने की जरुरत है.’
रिश्वतखोरी से बैंकों की साख पर बट्टा
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडीकेट बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस.के. जैन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स और देना बैंक में भी ग्राहकों की जमापूंजी के कथित दुरुपयोग का मामला सामने आया है. इन दोनों बैंकों के खातों के फारेंसिक ऑडिट का आदेश दिया गया है.
वित्तीय समावेश कीदिशामें एक कदम
जेटली ने इंडियन बैंक के 108 एटीएम, 108 शाखाओं, 5 डिजिटल शाखाओं, एटीएम के साथ एक वैन पर स्थापित मोबाइल शाखा का एक साथ उद्घाटन किया. उन्होंने इंडियन बैंक का रपे कार्ड भी जारी किया. जेटली ने इंडियन बैंक के शाखा विस्तार को वित्तीय समावेश की दिशा में उठाया गया कदम बताया और कहा, ‘जिन क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवायें नहीं पहुंची हैं, वहां यह पहुंचनी चाहिये. प्रत्येक नागरिक को पूंजी का लाभ मिलना चाहिये. आर्थिक वृद्धि की इस प्रक्रिया में कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिये.’
पुर्नपूंजीकरण के प्रति सरकार गंभीर
जेटली ने कहा कि नई सरकार ने सत्ता संभालने के बाद शुरु में ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुर्नपूंजीकरण का फैसला किया. अतिरिक्त पूंजी को बाजार में लाया जायेगा. वित्तीय सेवाओं के सचिव एस.एस. संधू ने अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि इसका ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार जरुरी है. प्रधानमंत्री की जनधन योजना का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव आयेगा.
इस योजना में ग्राहकों को डेबिट कार्ड, ओवरड्राफ्ट और बीमा सहित कई अन्य सुविधायें उपलब्ध होंगी. इंडियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी.एम. भसीन ने इस अवसर पर कहा कि इंडियन बैंक की स्थापना स्वतंत्रता दिवस के ही दिन 15 अगस्त 1907 को हुई थी. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में इंडियन बैंक पूरी तरह से ‘डिजिटल बैंक’ होगा और बैंक का मिशन ‘आम आदमी का बैंक’ बनने का है.
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