नयी दिल्ली : घरेलू खुदरा व्यापारियों का मानना है कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में डीआईपीपी के स्पष्टीकरण से केवल बाधा उत्पन्न होगी और इससे विदेशी कंपनियों के साथ-साथ घरेलू फर्में निवेश के लिये उत्साहित नहीं होंगी.
स्पष्टीकरण में अन्य बातों के अलावा शीत गृह श्रृंखला, गोदाम, परिवहन जैसे बुनियादी ढांचे में निवेश की बात शामिल हैं. रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कुमार राजगोपालन ने कहा, अगर सरकार का उद्देश्य खुदरा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) बढ़ाना है तो मुझे नहीं लगता कि इन स्पष्टीकरणों से वह इसे प्राप्त करने में सक्षम होगी.
उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिये शीत भंडार गृह, गोदाम जैसी ढांचागत सुविधा तैयार करने जैसे नये निवेश संबंधी उपबंधों के अनुपालन में काफी समय लगेगा और उनके लिये बाधा उत्पन्न होगी.
राजगोपालन ने कहा, कई उपबंध हैं. इससे न तो विदेशी और न ही घरेलू कंपनियों को फायदा होगा. इससे चीजों के क्रियान्वयन में देरी होगी. इसी प्रकार का विचार प्रकट करते हुए आदित्य बिड़ला रिटेल लि के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रणब बरुआ ने कहा, इन स्पष्टीकरण से समस्याएं और बढ़ेंगी.
इससे विदेशी कंपनियों के लिये भारतीय बाजार में प्रवेश और मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार छोटा है और बाजार के विकास तथा इसे उद्योग के लिये खोलने के लिये कदम उठाये जाने चाहिए.
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