26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

”दाल-सब्जी की कीमतों में तेजी चिंता का विषय नहीं, रेपो रेट कटौती पर अभी कुछ भी कहना कठिन”

नयी दिल्ली/मुंबई : रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय उनके लिए दाल-सब्जी की बढ़ती कीमत चिंता का विषय नहीं है और न ही रेपो रेट की कटौती पर ही कुछ कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि खाने-पीने के सामान की कीमतों में तेजी से चिंता नहीं है. कुछ चीजों की कीमतों […]

नयी दिल्ली/मुंबई : रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय उनके लिए दाल-सब्जी की बढ़ती कीमत चिंता का विषय नहीं है और न ही रेपो रेट की कटौती पर ही कुछ कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि खाने-पीने के सामान की कीमतों में तेजी से चिंता नहीं है. कुछ चीजों की कीमतों में तेजी ग्रामीण आय के लिए अच्छा है. अंडा और दूध की कीमतों में बढ़ोतरी से केवल शहरी जीवन पर ही प्रभाव पड़ता है.

सीएनबीसी और टीवी 18 को दिये साक्षात्कार में गवर्नर दास ने अरामको हमले पर बात करते हुए कहा कि सऊदी अरामको पर हमले का असर समझने में अभी वक्त लगेगा. सऊदी तेल क्षेत्र पर हुए हमले का पूरी दुनिया पर असर पड़ा है. इन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में प्रभावित होंगी. लंबे वक्त तक हालात ऐसे रहे, तो कैड और राजस्व पर भी असर पड़ेगा, लेकिन लंबी अवधि में इसका कितना असर रहेगा, यह अभी कहना मुश्किल है.

महंगाई के सवाल पर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेजी से चिंता नहीं है. दाल और सब्जी की कीमतों में आयी तेजी चिंता का विषय नहीं है. कुछ चीजों की कीमतों में तेजी ग्रामीण आय के लिए अच्छा है. अंडे और दूध की कीमतों में तेजी से केवल शहरी जीवन पर ही असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जीडीपी के आंकड़े अनुमान से भी खराब रहे हैं. 5 फीसदी जीडीपी का आना बहुत ही चौंकाने वाला है. मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था में आयी नरमी को स्वीकार लिया है. समिति के लिए प्रगति अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है, लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट अनुमान से काफी से अधिक है. जीडीपी के अनुमान के तरीकों को भी सुधारा जा रहा है.

वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी को 6 फीसदी से नीचे रहने के सवाल पर गवर्नर ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में तेजी लाना रिजर्व बैंक की सबसे बड़ी प्राथमिकता है, लेकिन इसे लेकर अभी कोई भी आंकड़ा बताना व्यवहारिक नहीं होगा. रेपो रेट में कटौती को लेकर भी उन्होंने यह साफ कर दिया है कि ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता. आर्थिक वृद्धि को तेज करने में सबकी अपनी-अपनी भूमिकाएं हैं. अकेले मौद्रिक नीति समिति ही कुछ नहीं कर सकती. आंकड़े आने के बाद ही रेपो रेट में कटौती को लेकर कुछ कहा जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें