नयी दिल्ली : टेलीकॉम विभाग की तकनीकी इकाई दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) ने दूरसंचार उपकरण निर्माताओं को मंगलवार को प्रमाणपत्र जारी करना शुरू कर दिया. देश में सरकार की ओर से अधिकृत प्रयोगशालाओं (लैब) में विनिर्माता कंपनी के उत्पादों की जांच-पड़ताल के बाद ये प्रमाण-पत्र दिया जा रहे हैं. देश में यह व्यवस्था लागू करने में छह साल की देरी हुई है.
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सरकार ने नेटवर्क में छुपाये गये सॉफ्टवेयर और मॉलवेयर के जरिये जासूसी के खतरों की दृष्टि से उपकरणों की जांच करने के लिए देश में बेचे जाने वाले सभी दूरसंचार उत्पादों एवं उपकरणों के परीक्षण के लिए पहले एक अक्टूबर, 2013 से ऐसी सुविधा शुरू करने का लक्ष्य रखा था. जांच के लिए प्रयोगशालाओं और सुविधाओं की कमी और आवश्यक व्यवस्था करने में तत्परता के अभाव के चलते समयसीमा को कई बार बढ़ाना पड़ा. प्रमाणपत्र का पहला सेट सामान्य दूरसंचार उपकरण श्रेणी में पैनासोनिक और वडोदरा की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी मैट्रिक्स कॉमसेक को जारी किया गया.
कंपनियों को प्रमाणपत्र देने के बाद दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि परीक्षण का मकसद यहां किसी तरह की बाधा खड़ा करना नहीं है, बल्कि उद्योगों के लिए चीजों को सरल और किफायती बनाना है. टीईसी के उप महानिदेशक (दूरसंचार प्रमाणनन एवं एमआरए) डी के खन्ना ने कहा कि मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरणों समेत सभी उत्पादों का परीक्षण चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे शुरू किया जायेगा. सरकार ने दूरसंचार उपकरणों और उत्पादों की सुरक्षा जांच के लिए 40 निजी लैब और 10 सरकारी निकायों को अधिकृत किया है.
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