वाशिंगटन : भारत और अमेरिका को मौजूदा व्यापार तनाव को दूर करने के लिए अपने प्रयासों की प्राथमिकता तय करनी चाहिए और बौद्धिक संपदा अधिकार और डिजिटल व्यापार जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग की परियोजनाएं चलानी चाहिए. ट्रंप प्रशासन के पूर्व व्यापार अधिकारी ने एक रिपोर्ट में यह लिखा है.
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दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के पूर्व सहायक व्यापार प्रतिनिधि मार्क लिंसकॉट ने रिपोर्ट ‘दोराहे पर व्यापार : अमेरिका-भारत व्यापारिक रिश्तों पर एक दृष्टि’ में लिखा है कि यह स्पष्ट है कि भविष्य के लिए पहली प्राथमिकता मौजूदा चुनौतियों के प्रबंधन और निकट भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने की होनी चाहिए. रिपोर्ट में दोनों देशों के संबंधों की मौजूदा स्थिति का आकलन किया गया है. इसमें हालिया वार्ताओं और लघु, मध्यम और दीर्घावधि के लिए सिफारिशें भी शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में कोई आसान रास्ता नहीं है. द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में सुधार लाने की मजबूत इच्छाशक्ति और भविष्य के लिए ठोस आधार की इस समय शुरुआत की जानी चाहिए. इसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति यह बताती है कि दोनों देश इस समय दोराहे पर खड़े हैं. इसमें एक रास्ता शुरुआत द्विपक्षीय समझौते की तरफ जाता है, जबकि दूसरा सीधे टकराव के मार्ग पर आगे बढ़ता है.
रिपोर्ट का प्रकाशन मंगलवार को उस समय हुआ, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका का व्यापार प्रतिनिधिमंडल नयी दिल्ली से लौटा है. यह प्रतिनिधिमंडल अपने भारतीय समकक्षों के साथ व्यापार क्षेत्र में उभरे मतभेदों को दूर करने की दिशा में पहली बातचीत के लिए यहां पहुंचा था. दोनों देशों के बीच यह बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जापान में जी-20 की बैठक के मौके पर हुई मुलाकात के बाद उनके निर्देश पर हुई.
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