नयी दिल्ली : सार्वजनिक गैस कंपनी गेल इंडिया को मार्च, 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में अब तक का सबसे बड़ा मुनाफा हुआ है. कंपनी ने रिकॉर्ड लाभांश के साथ ही 54 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की भी घोषणा की. यह कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा पूंजीगत व्यय होगा. गेल ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
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कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बीसी त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कंपनी का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में 10 फीसदी बढ़कर 1,122 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2018-19 में 30 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 6,026 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. गेल के निदेशक मंडल ने प्रति शेयर 1.77 रुपये के अंतिम लाभांश की भी सिफारिश की है. इसके साथ ही, पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कुल लाभांश प्रति शेयर 8.02 रुपये पर पहुंच गया. यह किसी भी वित्त वर्ष में गेल द्वारा दिया गया सर्वाधिक लाभांश है.
त्रिपाठी ने कहा कि हमने किसी एक साल में रिकॉर्ड 8,344 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है. हम घरों तथा उर्वरक संयंत्रों जैसे उद्योगों को आपूर्ति के लिए गैस पाइपलाइन का नेटवर्क बनाने में अगले दो-तीन साल में 54 हजार करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करने वाले हैं. गेल के पास पहले से देश में 14 हजार किलोमीटर का गैस पाइपलाइन नेटवर्क है.
कंपनी पूर्वी तथा दक्षिणी भारत के उन क्षेत्रों में छह हजार किलोमीटर का नया पाइपलाइन नेटवर्क बनाने पर 32 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जहां अभी पाइपलाइन बिछाया नहीं गया है. इसके अलावा, कंपनी शहरी गैस वितरण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये, पेट्रोरसायन विनिर्माण संयंत्र के विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है.
त्रिपाठी ने कहा कि मार्च तिमाही में कंपनी को 1,222.23 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ. यह 2017-18 की समान तिमाही के 1,020.92 करोड़ रुपये से 10 फीसदी अधिक है. इस दौरान कंपनी की आय 15,430.69 करोड़ रुपये से बढ़कर 18,763.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. कंपनी के निदेशक मंडल ने शेयरधारकों को हर शेयर के एवज में एक शेयर का बोनस देने की सिफारिश की है. निदेशक मंडल ने प्रति शेयर 1.77 रुपये के अंतिम लाभांश की भी अनुशंसा की है.
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