मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा गठित स्वायत और स्वतंत्र संस्था द बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड्स बोर्ड ऑफ इंडिया ने आज प्रिंसिपल कोड कॉम्प्लायंस ऑफिसर्स के वार्षिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया.
सत्र की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक डॉ दीपाली पंत जोशी ने कहा ,बीसीएसबीआई द्वारा अनुपालन की निगरानी और आकलन उनके कोड्स और मानकों द्वारा किये जाते हैं, यह आकलन कोड लागू करने में आने वाली मुश्किलों और उसके उल्लंघनों को सामने लाते हैं.
वर्ष 2012-13 में बीसीएसबीआई ने अपने सदस्य बैंकों में 10 प्रतिशतबैंकोंको अच्छी रेटिंग प्रदान की है,प्रतिशत बैंकों को औसत से अधिक रेटिंग और 38 प्रतिशत बैंकों को औसत या उससे कम रेटिंग दी है.इससे साफ पता चलता है कि कई बैंकों को अपने कोड लागू करने के प्रयासों को मजबूत बनाना होगा और इस तरह कोड के अनुसार अपने ग्राहकों के प्रति जिम्मेदारी पूरी करनी होगी.
बीसीएसबीआई के चेयरमैन एसी महाजन ने कहा कि, इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य कोड लागू करने में पायी गयी कमियों को पीसीसीओ के साथ साझा करना था.हम पीसीसीओ को बैंकों में बीसीएसबीआई की विस्तारित शाखा के रूप में देखते हैं.उनकी जिम्मेदारी कोड के अंतर्गत आने वाली प्रतिबद्धता पूरी की जाए यह सुनिश्चित करना और उनकी निगरानी करना है.
क्या है बीसीएसबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा द कमिटी ऑन प्रोसिजर्स एंड परफॉर्मेंस ऑडिट ऑन पब्लिक सर्विसेज (सीपीपीएपीएस), पूर्व डिप्टी गर्वनर डॉ. एस. एस. तारापोर की अध्यक्षता में आम नागरिकों को पेश आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए गठित की गई है.इस कमिटी ने बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया के गठन की सिफारिश की है.
रिजर्व बैंक ने इस सिफारिश को मंजूर करते हुए फरवरी 2006 में बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) का गठन किया जो एक स्वतंत्र संस्थान है और बैंकों द्वारा स्वायत आचार संहिता के पालन का आंकलन करने हेतु संस्थागत रिक्तता को भरने की दिशा में काम करती है.बीसीएसबीआई का गठन बैंकों के साथ मिलकर किया गया था.
बीसीएसबीआई द्वारा विकसित किए गए दो कोड हैं-
ग्राहकों के प्रति बैंकों की प्रतिबद्धता का कोड
काफी छोटे और छोटे उद्यमों के प्रति बैंकों की प्रतिबद्धता का कोड (एमएसई कोड)
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