अहमदाबाद : गुजरात के चर्चित बिटक्वाइन वसूली और अपहरण मामले में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने सूरत के एक बिल्डर शैलेश भट्ट के खिलाफ दो लोगों से 155 करोड़ रुपये की नकदी और बिटक्वाइन की उगाही के आरोप में मामला दर्ज किया है. इस सारे मामले की शुरुआत इसी बिल्डर की शिकायत पर हुई थी. पुलिस महानिदेशक (सीआईडी – अपराध) आशीष भाटिया ने गांधीनगर में संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
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उन्होंने कहा कि विभाग ने रविवार को ही भट्ट और उसके लगभग नौ सहयोगियों के खिलाफ सूरत में नयी प्राथमिकी दर्ज की है. भाटिया ने कहा कि इस मामले में जारी मौजूदा जांच में नयी जानकारी सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि शैलेष भट्ट के भतीजे निकुंज और दिलीप कनानी को भी रविवार को सूरत में गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ इस बिल्डर के उकसावे पर अपहरण तथा फिरौती में बिटक्वाइन और नकदी की उगाही करने का आरोप है. इस गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने कनानी के वालेट से 152 बिटक्वाइन (8.58 करोड़ रुपये) जब्त किये.
गौरतलब है कि भट्ट ने इससे पहले आरोप लगाया था कि अमरेली के कुछ पुलिस वालों ने चार महीने पहले उसे ‘नौ करोड़ रुपये मूल्य के बिटक्वाइन ऐंठ लिये थे. जांच के दौरान सीआईडी के अधिकारियों के सामने एक नयी कहानी आयी. अधिकारियों के अनुसार, अमरेली पुलिस द्वारा अपहरण से पहले भटृट ने कई लोगों से करोड़ों रुपये मूल्य की बिटक्वाइन ऐंठे थे. भाटिया ने कहा कि दो साल पहले सूरत के किसी सतीश कुंभानी ने एक कंपनी ‘बिट कनेक्ट ‘ शुरू की और भारी रिटर्न का लालच देते हुए भट्ट जैसे लोगों को इसमें निवेश को लुभाया. भट्ट ने कथित तौर पर इसमें दो करोड़ रुपये का निवेश किया.
हालांकि, इस कंपनी के प्रवर्तक इस साल जनवरी में अपनी दुकान समेटकर गायब हो गये. अपने निवेश की वसूली के लिए भट्ट के साथियों ने पहले तो आयकर अधिकारी बनकर पीयूष सावलिया का अपहरण किया, जो उस कंपनी के लिए काम करता था. सावलिया को बंदूक की नोक पर एक फार्म हाउस में रखा गया. पुलिस के अनुसार, एक फरवरी को भट्ट के आदमियों ने इसी कंपनी से जुड़े रहे धवल मवानी को बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया.
भट्ट के लोगों ने मवानी को 131 करोड़ रुपये मूल्य के 2256 उनके खाते में स्थानांतरित करने को मजबूर कर दिया. बिल्डर व उसके लोगों ने 9.64 करोड़ रुपये मूल्य के 166 बिटक्वाइन अपने खाते में स्थानांतरित कराये. मवानी को छोड़ने के बदले भट्ट और उसके आदमियों ने 14.50 करोड़ रुपये की नकदी भी वसूली, जो उन्हें ‘आंगड़िया ‘ (नकद पहुंचाने की अनधिकृत सेवा) के जरिये मिली.
सीआईडी अधिकारियों का दावा है कि भट्ट और उसके सहयोगियों ने कुल मिलकार बिटक्वाइन और नकदी के रूप में 155.21 करोड़ रुपये की वसूली की. इस राशि को इन्होंने आपस में बांट लिया. भट्ट ने लगभग 700 बिटक्वाइन अपने पास रखे. पुलिस के अनुसार, चूंकि भट्ट को कंप्यूटर आदि की इतनी जानकारी नहीं है, इसलिए उसने बिटक्वाइन आदि के स्थानांतरण के लिए अपने भतीजे निकुंज की मदद ली. भट्ट ने सावलिया को चुप रहने व पुलिस में गलत बयान देने के लिए भी 34.50 लाख रुपये दिये.
भाटिया ने कहा कि इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है और बाकी की तलाश जारी है. यह मूल मामला भट्ट की शिकायत से ही शुरू हुआ. भट्ट ने आरोप लगाया था कि अमरेली के पुलिस वालों ने उनसे व उसके कारोबार सहयोगी किरीट पलाडिया से नौ फरवरी को बिटकाइन छीन ली. भट्ट का आरोप था कि नौ करोड़ रुपये मूल्य की इस वसूली के इस षडयंत्र में भाजपा के पूर्व विधायक नलिन कोटाडिया भी शामिल हैं. अब तक इस मामले में पलाड़िया, अमरेली के एसपी जगदीश पटेल, अमरेली की अपराध जांच शाखा के निरीक्षक अनंत पटेल, दो कांस्टेबल व एक बिचौलिये की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है.
मामले में कथित तौर पर संलिप्त अमरेली पुलिस के सात कांस्टेबल अभी फरार हैं. एक सत्र न्यायालय ने भी हाल ही में नलिन कटाडिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. बिटक्वाइन एक आभासी या डिजिटल मुद्रा है. हालांकि, हमारे देश में अभी इसे कानूनी मान्यता नहीं मिली है.
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