नयी दिल्ली : भारत में फ्लाइट पर फोन एवं इंटरनेट सेवा प्रदान किये जाने को हरी झंडी दिखा दी गयी है. फिलहाल यह सुविधा दुनिया के कुछ देशों में है. इस नयी पहल को सूचना क्रांति व परिवहन दोनों क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी बदलाव वाला माना जा रहा है, लेकिन आपको यह जरूर जानना चाहिए कि यह आपकी जेब पर कितना भारी पड़ेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि हवा में बात करने के लिए हवाई किराए का एक तिहाई तकइसकेलिए चुकाना पड़ सकता है. दरअसल, सिग्नल रिसीव करने के लिए विमान में एयरलाइंस कंपनियों को सर्वर इंंस्टाॅल करने के अलावा एंटीना लगाना होगा. जाहिर है इसमें लगने वाली लागत कंपनियां उपयोगकर्ता से ही वसूलेंगी.
हवा में मिलने वाली इंटरनेट स्पीड जमीन पर मिलने वाली इंटरनेट स्पीड की तुलना में काफी धीमी होगी. यानी विमान में एक वीडियो डाउनलोड करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
भारत में तीन मिनट से एक घंटे के बीच इंटरनेट उपयोग करने पर 500 रुपये से 1000 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है. और ज्यादा इस्तेमाल पर किराए का एक तिहाई तक खर्च करना पड़ सकता है. हालांकि प्रतियोगिता बढ़ने पर इसमें कमी आ सकती है. सभी प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां इसके लिए फिलहाल काम कर रही हैं.
दूसरे देशों का क्या हाल है?
दूसरे देशों में भी विमान पर वाई-फाई का प्रयोग सस्ता नहीं है. जानकारी के अनुसार, एयर एशिया 10 एमबी के लिए 302 रुपये, एयर फ्रांस 200 एमबी के लिए 2412 रुपये वसूलती है. इसी तरह ब्रिटिश एयरवेज व अमीरात एयरलाइंस भी इस सेवा का हैवी चार्ज वसूलती हैं.
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