नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक से शुरू हुए बैंक घोटाले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी सिलसिले में बुधवार को एक और सरकारी बैंक भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) में करीब 772 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.इस सरकारी बैंक के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब पांच शाखाओं में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की बात कही जा रही है.
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मीडिया की खबरों में यह बताया जा रहा है कि करीब 772 करोड़ रुपये के इस बैंक घोटाला के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केस दर्ज कर लिया है. इस घोटाले की खबर सामने आने के बाद शेयर बाजारों में आईडीबीआई के शेयरों में करीब तीन फीसदी की शुरुआती गिरावट भी दर्ज की गयी.
बंबई शेयर बाजारों को दी गयी सूचना में आईडीबीआई ने कहा है कि इस तरह की धोखाधड़ी कर्ज के माध्यम से की गयी है. उसने कहा कि इसमें से कुछ कर्ज 2009-2013 के बीच मत्स्य पालन के नाम पर दिया गया था. बैंक ने कहा कि मत्स्य पालन के नाम पर कुछ कर्ज फर्जी दस्तावेजों पर दिये गये थे. इसमें तालाब के नाम पर फर्जी दस्तावेज जमा कराये गये थे. इसके साथ ही, बैंक ने यह भी कहा है कि कर्ज लेते समय गिरवी रखी गयी परिसंपत्तियों का मूल्य भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था.
शेयर बाजार को दी गयी सूचना में बैंक की ओर से इस बात का जिक्र किया गया है कि बैंक ने अपने दो अधिकारियों द्वारा प्रोसेसिंग और वितरण में भी तमाम खामियां पायी गयी हैं. लेंडर ने उनमें से एक अधिकारी केा बरखास्त भी कर दिया गया है, जबकि इस मामले में संलिप्त एक अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. कंपनी ने कहा कि सीबाआई ने बैंक की पांच शिकायतों में से दो शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
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