नयी दिल्ली: कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक नरमी तथा कंपनियों की आय में सुधार की उम्मीद से विदेशी निवेशकों ने इस महीने घरेलू बाजार में अब तक 8,400 करोड़ रुपये का निवेश किया है. हालांकि इस दौरान ऋण बाजारों से उन्होंने करीब 10 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है. ताजा आंकड़ों के अनुसार एक मार्च से 23 मार्च तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इक्विटी में 8,440 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इससे पहले पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने शेयरों से 11 हजार करोड़ रुपये और ऋणपत्रों से 250 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी.
प्रभुदास लीलाधर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) अजय बोदके ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में नरमी तथा अगली दो तिमाही में कंपनियों की आय में मजबूती के संकेत वृहद स्तर पर शेयर बाजार में सकारात्मक धारणा के लिए जिम्मेदार रहे हैं. ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर की वृहद आर्थिक चिंताओं तथा घरेलू बाजार का उच्च मूल्यांकन फरवरी में शेयर बाजार से निकासी का मुख्य कारण रहा. मूल्यांकन के कमतर होने तथा तेलनिर्भर देशों के स्वायत्त निवेशकों द्वारा घरेलू बाजार में पैसे झोंकने से मार्च में इसमें सुधार हुआ है.’
ऋणपत्रों में निकासी के बारे में जैन ने कहा कि एफपीआइ ने इस क्षेत्र में फरवरी-मार्च दोनों में निकासी की है और इसका कारण संभवत: ब्याज दर में वृद्धि तथा कच्चा तेल की कीमत व राजकोषीय घाटे के कारण रुपये में गिरावट का परिदृश्य रहा है. विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक शेयरों में 11,845 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है जबकि ऋणपत्रों से उन्होंने इस दौरान 1,700 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है.
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