बार्सिलोना (स्पेन) : दूरसंचार नियामक ट्राई ने मंगलवार को कहा कि कोई भी उसके बाजार बिगाड़ू शुल्क दर संबंधी आदेश को अदालत में चुनौती देने को आजाद है. ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा ने कहा कि हमारा देश स्वतंत्र है, जहां किसी भी व्यक्ति या इकाई को कानूनी राहत चाहने का अधिकार है. अगर किसी को शुल्क दर आदेश से दिक्कत है, तो उचित मंच पर इसे चुनौती देना ही सही विकल्प होगा.
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गौरतलब है कि कई दूरसंचार कंपनियों और इनके संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोएिसशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से ट्राई के इस आदेश पर नाराजगी जतायी है. शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी इस तरह के ‘आधारहीन आरोप’ लगाये गये और मामला टीडीसैट तथा अदालत में गया, अदालत ने ट्राई के फैसलों को सही ठहराया.
वोडाफोन के मुख्य कार्याधिकारी सीईओ वितोरियो कोलाओ ने सोमवार को बाजार बिगाड़ू शुल्क दरों को लेकर ट्राई के नये नियम को ‘अनुचित’ बताते हुए कहा कि इससे उनकी कंपनी की स्थित ऐसी हो गयी है, जैसे किसी के हाथों को पीछे बांध कर अखाड़े में लड़ने के लिए भेज दिया गया हो. ट्राई के नये नियमों के तहत अगर किसी दूरसंचार कंपनी के सेवा शुल्क बाजार बिगाड़ू पाये जाते हैं, तो ट्राई उस पर 50 लाख रुपये तक प्रति सर्किल जुर्माना लगा सकता है.
नियमों के तहत किसी सेवा प्रदाता की ऐसी दर को बाजार खराब करने वाली माना जाएगा यदि उसकी बाजार हिस्सेदारी 30 फीसदी से अधिक है और उसकी दर सेवा की औसत परिवर्तन शील लागत से कम है और उसका मकसद प्रतिशता का स्तर कम करना या प्रतिस्पर्धियों को निपटाना है.
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