नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 11,400 करोड़ रुपये के महाघोटाले के बाद कम से कम 200 मुखौटा कंपनियां और ‘बेनामी’ संपत्तियां जांच एजेंसियों के रडार पर आ गयी हैं. ये जांच एजेंसियां पीएनबी में 11 हजार 400 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी की जांच कर रही हैं, जिसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उसके रिश्तेदार और व्यापारिक भागीदार मेहुल चोकसी और अन्य के शामिल होने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी, चोकसी और उनकी कंपनियों की रविवार को लगातार चौथे दिन तलाशी जारी रखी.
इसे भी पढ़ेंः PNB महाघाेटाले पर एसोचैम का बड़ा बयान, कहा-बैंकों में हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम कर दे सरकार
ईडी धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कम से कम दो दर्जन अचल संपत्तियों को कुर्क करने जा रही है. ईडी ने रविवार को देशभर में आभूषण शोरूम और कार्यशालाओं समेत कम से कम 45 परिसरों पर छापेमारी की. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग ने मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों की जिन 29 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है, उसका पीएमएलए के तहत ईडी आकलन कर रही है. धन शोधन निरोधक कानून के तहत शीघ्र कुछ और संपत्तियों को भी कुर्क किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि ईडी और आयकर विभाग ने देश-विदेश में 200 डमी या मुखौटा कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनका इस्तेमाल कथित धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में धन को भेजने या हासिल करने में किया जाता था. इस बात का संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल आरोपी धन शोधन करने और जमीन, सोना और बेशकीमती रत्नों के रूप में ‘बेनामी’ संपत्ति खरीदने में कर रहे थे. इसकी आयकर विभाग अब जांच कर रहा है.
सूत्रों ने बताया कि ईडी और आयकर विभाग ने मामले की जांच के लिए विशेष दलों का गठन किया था. ईडी ने अब तक मामले में 5,674 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के जेवर और बेशकीमती रत्न जब्त किये हैं. आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के सिलसिले में गीतांजलि जेम्स, इसके प्रमोटर मेहुल चोकसी और अन्य के नौ बैंक खातों से लेन-देन पर शनिवार को रोक लगा दी थी. उसने मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और उनके स्वामित्व वाले फर्मों की 29 संपत्तियां कुर्क कर ली थीं और 105 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी थी.
पीएनबी की शिकायत के बाद यह मामला सामने आने पर मोदी, चोकसी और अन्य की कई जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं. पीएनबी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि इन लोगों ने बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राष्ट्रीयकृत बैंक को 11 हजार 400 करोड़ रुपये का चूना लगाया. सीबीआई मामले की जांच कर रही है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.