नयी दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने मंगलवार को कहा कि शेयर कीमतों में तेजी चिंता का कारण है और आर्थिक वृद्धि के जरिये इसे समर्थन नहीं मिला, तो इसमें तीव्र गिरावट आ सकती है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2016-17 में 7.1 फीसदी थी. सुब्रमणियम ने कहा कि पिछले एक-दो साल में भारतीय तथा अमेरिकी शेयर बाजारों की कीमत-आय अनुपात प्रवृत्ति एक जैसी है, यह समान दिशा की ओर बढ़ रहा है.
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हालांकि, दोनों अर्थव्यवस्थाएं अलग-अलग रास्तों का अनुसरण करती हैं. उन्होंने कहा कि इस वृद्धि को बनाये रखने के लिए जरूरी है कि भविष्य में अर्थव्यवस्था में वृद्धि तथा आय मौजूदा अनुमान के अनुसार होने की आवश्यकता है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अन्यथा उसमें गिरावट को खारिज नहीं किया जा सकता. आर्थिक समीक्षा पेश होने के बाद बंबई शेयर बाजार का मानक सूचकांक सोमवार को 233 अंक की बढ़त के साथ रिकाॅर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
समीक्षा में कहा गया है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में 7 से 7.5 फीसदी रहेगी और यह फिर से दुनिया की तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लेगा. इससे बाजार को बल मिला. हालांकि, दोपहर के कारोबार सेंसेक्स करीब 200 अंक टूटा है. समीक्षा में यह भी कहा गया है कि उभरती वृहत आर्थिक चिंता को देखते हुए आने वाले वर्ष में नीतिगत सतर्कता की आवश्यकता होगी. यह स्थिति खासकर उस समय बनती है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें ऊंची बनी रहती है या शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट आती है.
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