नयी दिल्ली : कंपनियों को अंतराष्ट्रीय बाजार से संपर्क बढ़ाने में मदद करने वाले संगठन ‘ दी ग्लोबल ट्रेड ड्राइवर (जीटीडी) ने आम बजट में लघु एवं मझोले उद्यम क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए सस्ते कर्ज और विशेष परियोजनाओं का प्रावधान किये जाने की जरूरत पर बल दिया है. उसका कहना है कि बजट में ‘ ऐसी परियोजनाओं की पहचान करने, उनके आवंटन और उनकी कार्य निष्पादन प्रणाली पर ध्यान देने की जरूरत है.
चेन्नई स्थित यह फोरम भारत के सूक्ष्म, लघु ओर मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के 20 सदस्यीय एक दल को अमेरिका ले जाने की तैयारी में ताकि वहां की इकाइयों के साथ संयुक्त उद्यम आदि की संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जा सके.
जीटीडी के मुख्य कार्यकारी डीवी वेंकटगिरि ने एक बयान में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2018-19 के बजट में लघु एवं मझोले क्षेत्र की ऐसी कंपनियों के लिए कर्ज की सुविधा और सस्ती तथा आसान करने के उपाय किये जायेंगे, जो अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में संभावनाएं तलाशना चाहती है.
जीटीडी का कहना है कि बजट में विभन्न क्षेत्रों के छोटे एवं मझोले उद्यमों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की पहचान, उनके लिए धन की व्यवस्था तथा उनके क्रियान्वयन की मजबूत प्रणाली पर ध्यान देने की जरूरत है. वेंकटगिरि ने कहा कि अमेरिका जाने वाले एमएसएमई प्रतिनिधिमंडल के लोग इंजीनियरिंग, आईटी, बीपीओ, फार्मा , चमड़ा, शिक्षा कपड़ा और दस्तकारी जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशेंगे.
संगठन का कहना है कि अमेरिका के साथ देश का व्यापार सालाना 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. एक सर्वे के अनुसार, यह 2025 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
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