नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने फिजुलखर्ची पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को करारा झटका दिया है. उसने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले आठ किस्म के एडवांस पर रोक लगा दी है. बता दें कि केंद्रीय कर्मियों को उनके पद और वेतन के अनुसार कई मदों में ब्याज मुक्त राशि मिलती थी, जिसे वे आसान किश्तों में कटवा लेते थे. सरकार के इस आदेश के बाद अब ऐसे कई एडवांस को बंद कर दिया गया है.
इसे भी पढ़ेंः केंद्रीय कर्मचारियों को पीएम मोदी का तोहफा, 1 जुलाई से अतिरिक्त महंगाई भत्ता, ग्रैच्युटी संशोधन बिल पर भी मुहर
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, मोदी सरकार की आेर से केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले कुल आठ किस्म के एडवांस बंद किये गये हैं. सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले जिन आठ किस्म के एडवांस पर रोक लगायी है, उनमें साइकिल खरीदने, गरम कपड़ों, तबादला होने पर एडवांस राशि, त्योहार पर मिलने वाली एडवांस राशि, शेष बची छुट्टियों के बदले में एडवांस धनराशि शामिल है. इसी प्रकार केंद्रीय कर्मियों को प्राकृतिक आपदा आने की स्थिति में भी एडवांस राशि सरकारी खजाने से हासिल करने की सुविधा थी.
आजादी के पहले से ही कर्मियों को कानूनी कार्यवाही के लिए भी अग्रिम राशि मिलती थी और यह अब भी जारी थी, लेकिन सरकार ने अब इसे बंद कर दिया है. इसी प्रकार केंद्रीय कर्मियों को पत्राचार के जरिये हिंदी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भी एडवांस मिलता था. सरकार के आदेश के बाद इसे भी खत्म कर दिया गया है.
हालांकि, कार्मिक मंत्रालय ने इस बारे में कुछ समय पूर्व आदेश जारी किये थे, लेकिन अब विभागों में इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए यह कदम उठाया गया है. आयोग ने इन ब्याज मुक्त एडवांस को खत्म करने को कहा था.
वेतन आयोग की सिफारिशों के बावजूद कई भत्तों को सरकार ने जारी रखा है. इनमें प्रमुख रूप से ब्रेकडाउन एलाउंस, कैश हैंडलिंग, कोल पायलट एलाउंस, साइकिल एलाउंस, फ्यूनरल, ऑपरेशन थियेटर, रिस्क एलाउंस, स्पेस टेक्नोलॉजी एलाउंस, ट्रेजरी एलाउंस आदि शामिल हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.