नयीदिल्ली: टाटा संस के चेयरमैन पद से पिछले साल हटाए गए साइरस पी. मिस्त्री ने उस दिन कंपनी निदेशक मंडल की बैठक होने से मात्र कुछ मिनट पहले ही अपनी पत्नी रोहिका को एक एसएमएस भेजकर कहा था, मुझे बर्खास्त किया जा रहा है… .उल्लेखनीय है कि पिछले साल 24 अक्तूबर को टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक में मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया था. बैठक से पहले उनसे कहा गया था कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो उन्हें बर्खास्त करने का प्रस्ताव लाया जाएगा.
टाटा संस 106 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है. कंपनी ने कहा कि मिस्त्री कई कारणों से कंपनी का विश्वास खो चुके थे. मिस्त्री द्वारा गठित समूह कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे निर्मल्य कुमार का दावा है कि उस दिन बोर्ड की बैठक से ठीक पहले पूर्व चेयरमैन रतन टाटा और निदेशक मंडल के एक सदस्य नितिन नोहरिया मिस्त्री के पास गए थे. कुमार समूह की अधिशासी परिषद के खास समूह में शामिल थे. इसका गठन मिस्त्री ने किया था.
कैसे मिस्त्री को निकाला गया शीर्षक से लिखे अपने ब्लॉग में कुमार ने लिखा है कि बातचीत नोहरिया नेशुरू की थी. नोहरिया ने कहा – साइरस जैसा कि आप जानते हैं आपके और रतन टाटा के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं. उन्होंने लिखा, नोहरिया ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि टाटा ट्रस्ट्स ने निर्णय किया कि वह निदेशक मंडल के समक्ष साइरस को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने का प्रस्ताव लाने का निर्णय किया है. मिस्त्री के सामने विकल्प रखा गया कि वह वह इस्तीफा दे दें या फिर निदेशक मंडल की बैठक में अपने हटाए जाने के प्रस्ताव का सामना करें. कुमार के अनुसार इस मौके पर शांत स्वर में रतन टाटा ने कहा कि वह माफी चाहते हैं कि बात यहां तक पहुंच गयी.
कुमार ने लिखा, साइरस मिस्त्री ने दोनों को सौम्य भाव के साथ कहा कि आप महानुभाव मंडल की बैठक में इस (प्रस्ताव) पर विचार करने को स्वतंत्र हैं और मुझे जो करन है मैं वह करूंगा. उन्होंने लिखा कि इसके बाद मिस्त्री ने अपनी पत्नी रोहिका को एक टेक्सट मेसेज भेजा, मुझे निकाला जा रहा है और उसके बाद अपना कोट पहनकर वह निदेशक मंडल की बैठक में चले गए.
कुमार सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के ली कांग चियान बिजनेस स्कूल मेंकॉमर्स के प्राचार्य हैं. उन्होंने लिखा है कि उस बैठक में मिस्त्री ने कहा कि कंपनी के संगठनात्मक उपबंधों के तहत इस तरह के प्रस्ताव के लिए कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. बोर्ड के एक सदस्य और टाटा ट्रस्ट्स के प्रतिनिधि अमित चंद्रा ने बैठक में कहा कि ट्रस्टों ने इस बारे में कानूनी परामर्श किया था और जिसमें कहा गया था कि ऐसे नोटिस की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने इस कानूनी राय को पेश करने का वायदा किया था पर वह आज तक सामने नहीं आया था.
बैठक में आठ में से छह सदस्यों ने मिस्त्री के खिलाफ रखे गए प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया. दो सदस्य फरीदा खंभाटा :स्वतंत्र निदेशक: और इशात हुसैन : वित्त निदेशक: ने मतदान में हिस्सा नहीं लिखा. कुमार के अनुसार यह सब बात कुछ ही मिनट में खत्म हो गयी. सायरस मिस्त्री को अपनी बात रखने या खंडन की तैयारी करने का कोई मौका नहीं दिया गया. दोपह बाद तीन बजे मिस्त्री अपने कार्यालय कक्ष में लौटे और अपने निजी सामान समेटने लगे. मिस्त्री ने जब कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी एफएन सूबेहदार से पूछा कि उन्हें क्या कल आना होगा तो उनका जवाब था कि इसकी जरूरत नहीं है.
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