नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय केजी डी6 क्षेत्र में तीन गैस खोजों को रिलायंस इंडस्टरीज के पास बनाये रखने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष रखने जा रहा है. इन गैस क्षेत्रों में 1.45 अरब डालर का गैस भंडार होने का अनुमान है. इन क्षेत्रों को लौटाने की समयसीमा समाप्त होने के बाद भी सरकार इसे रिलायंस के पास बनाये रख सकती है.
तेल एवं गैस खोज क्षेत्र के नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय :डीजीएच: ने इन तीन खोजों को रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड से वापस लेने की सिफारिश पेट्रोलियम मंत्रलय से की थी, क्योंकि कंपनी इन खोजों की वाणिज्यिक क्षमता साबित करने के लिये इनमें जरुरी परीक्षण करने में असफल रही है.घटनाक्रम से जुडे सूत्र के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय हालांकि, इस मामले में रिलायंस इंडस्टरीज के लिये नियमों में ढील दिये जाने के पक्ष में है. सरकार को लगता है कि इस खोज के लिये नये सिरे से बोली लगाने की प्रक्रिया शुरु करने से इनके विकास कार्य में देरी होगी. इन खोजों में 345 अरब घनफुट प्राप्त किये जाने लायक गैस का भंडार है.
मंत्रालय को यह भी लगता है कि रिलायंस इस मामले में पंच निर्णय के लिये जा सकती है. इससे क्षेत्र से उत्पादन में और देरी होगी इसके साथ ही पंच निर्णय की कारवाई में भी अतिरिक्त लागत आयेगी. इन तीनों खोजों से रिलायंस जल्द उत्पादन शुरु कर सकती है. इस काम में वह मौजूदा उत्पादक क्षेत्रों की सुविधाओं का फायदा उठा सकती है. मौजूदा 4.2 डालर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट के दाम पर इन खोजों का मूल्य 1.45 अरब डालर तक बैठ सकता है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रलय इस संबंध में अंतर मंत्रालय स्तर पर नोट का मसौदा वितरित करने के लिये चुनाव आयोग की अनुमति ले सकता है.
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