27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बैंकों के ऋण वृद्धि में आयी रिकाॅर्ड गिरावट, 1000 लिस्टेड कंपनियों ने खींचा हाथ

मुंबईः देश की ऋण बाजार की 1000 सूचीबद्ध कंपनियों ने बैंकों से उधार लेने के मामले में अपना हाथ खींच लिया है. इस वजह से वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ऋण वृद्धि में 5.1 फीसदी तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. बताया जा रहा है कि बैंकों की ऋण वृद्धि में यह […]

मुंबईः देश की ऋण बाजार की 1000 सूचीबद्ध कंपनियों ने बैंकों से उधार लेने के मामले में अपना हाथ खींच लिया है. इस वजह से वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ऋण वृद्धि में 5.1 फीसदी तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. बताया जा रहा है कि बैंकों की ऋण वृद्धि में यह सबसे बड़ी गिरावट अब तक के सबसे निम्न स्तर है. इसकी सबसे बड़ी वजह 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के शुद्ध ऋण में एक हजार अरब रुपये की कमी होना है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, इस भारी गिरावट का बड़ा हिस्सा मात्र 10 कंपनियों के खाते में गया है. वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में इन कंपनियों ने 33,571 करोड़ रुपये कम कर्ज उठाया.

इस खबर को पढ़ेंः स्टेट बैंक ने कहा ब्याज दर कटौती के बाद आवास ऋण पूछताछ तिगुना बढ़ी

एसबीआई की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने कहा कि इसके पीछे प्रमुख वजह कर्ज का कम उपयोग होना या आंतरिक स्रोतों से कर्ज का पुनर्भुगतान किया जाना या संपत्ति बिक्री करके कर्ज चुकाया जाना हो सकता है. अन्य वजह निजी इक्विटी भागीदारी के जरिये धन जुटाना भी हो सकता है. रिजर्व बैंक आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में बैंकों की ऋण वृद्धि 5.1 प्रतिशत रही.

वर्ष 1951 के बाद से यह बैंकों की सबसे कम ऋण वृद्धि है, तब बैंकों से कर्ज का उठाव मात्र 1.8 फीसदी ही बढ़ा था. वर्ष के दौरान निम्न ऋण वृद्धि की मुख्य वजह बांड इश्यू के जरिये अधिक धन जुटाना है. गैर-बैंक वाले सस्ते स्रोत उपलबध होने के साथ कुल मिलाकर निजी क्षेत्र का क्षमता विस्तार में निवेश कम रहना है.

गौरतलब है कि नौ जून को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का ऋण में 6.02 प्रतिशत बढ़कर 76,58,212 करोड़ रुपये हो गया था, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 की इसी अवधि में यह 72,22,939 करोड़ रुपये था. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, यह 26 मई 2017 को समाप्त हुए पिछले पखवाड़े से थोड़ा बेहतर है. इस अवधि में यह 75,93,546 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2016-17 की पूरी अवधि में बैंक ऋण में वृद्धि कई सालों के निचले स्तर यानी 5.08 प्रतिशत पर थी. इस अवधि में यह 78,810 अरब रुपये रहा, जो एक अप्रैल, 2016 को 75,010 अरब रुपये था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें