राज्य सरकार ने दी स्वीकृति
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बौंसी को मिला नगर पंचायत का दर्जा
राज्य सरकार ने दी स्वीकृति अमरपुर के बाद बौंसी बनी जिले की दूसरी नगर पंचायत बांका/पटना : राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बांकावासियों के लिए एक खुशखबरी दी है. मंगलवार को दोपहर बाद राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया है. जिले […]
अमरपुर के बाद बौंसी बनी जिले की दूसरी नगर पंचायत
बांका/पटना : राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बांकावासियों के लिए एक खुशखबरी दी है. मंगलवार को दोपहर बाद राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया है. जिले में अब अमरपुर नगर पंचायत के बाद बौंसी को भी नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो गया है. मालूम हो कि बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने
बौंसी को मिला…
पूर्व में ही एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिस पर सरकार ने मंगलवार को अपनी मुहर लगा दी. बौंसी नगर पंचायत बन जाने से अब यहां विकास की गति और तेज होगी. राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, बौंसी नगर पंचायत की आबादी 30 हजार से पार कर चुकी है. नगर पंचायत क्षेत्र में वर्तमान बौंसी बाजार के अलावा बगडुम्मा व कसबा मंदार पंचायत को भी सन्निहित किया गया है. इसके अलावा बभनगामा व दलिया पंचायत के कुछ हिस्से को भी इसमें शामिल किया गया है.
नगर पंचायत क्षेत्र में कसबा मंदार के तीन राजस्व ग्राम, बगडुम्मा के चार, दलिया के दो व बभनगामा के एक राजस्व ग्राम को भी शामिल किया गया है. इस संबंध में जिलाधिकारी डाॅ निलेश देवरे ने बताया कि राज्य सरकार ने बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया है. अब यहां विकास की रफ्तार और तेज होगी. उधर बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के साथ ही बौंसी वासियों ने राज्य सरकार का साधुवाद किया है. पूरे बौंसी बाजार में खुशी का माहौल व्याप्त है. बाजारवासी एक दूसरे को मिठाई बांटते हुए जश्न में डूबे हुए हैं.
शामिल क्षेत्र
कसबा मंदार के तीन राजस्व ग्राम
बगडुम्मा के चार
दलिया के दो व बभनगामा का एक राजस्व ग्राम शामिल है
शिक्षकों के वेतन को Rs 3838 करोड़ जारी
कैिबनेट के फैसले
राज्य सरकार ने मदरसा और प्रारंभिक, हाइ व प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 का वेतन जारी किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इसके लिए 3838 करोड़ रुपये जारी करने के प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी. बैठक में 14 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गयी. इनमें चार प्रस्ताव शिक्षकों के वेतन से ही जुड़े हुए हैं. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने Â बाकी पेज 19 पर
शिक्षकों के वेतन…
बताया कि कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत 1,119 मदरसा और नौ बालिका मदरसों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन, भत्ते समेत अन्य के भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इसी तरह राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत 2459+1 कोटि के 609 मदरसों में कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मियों के लिए 45 करोड़ के अलावा प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में राज्य सरकार के अधीन नियोजित 66,104 शिक्षकों (नगर प्राथमिक शिक्षक, नगर प्रारंभिक शिक्षक, प्रखंड शिक्षक और पंचायत शिक्षक) के लिए 1,377 करोड़ रुपये जारी किया है. वेतन मद के ये रुपये नगर निकायों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों को मुहैया करा दिये गये हैं.
इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला पर्षद और विभिन्न नगर निकायों के अंतर्गत नियोजित 22,741 माध्यमिक शिक्षक, 11,588 उच्च माध्यमिक शिक्षक और एक हजार 896 पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 2,216 करोड़ रुपये सहायक अनुदान जारी करते हुए इसके खर्च की स्वीकृति भी प्रदान की गयी है. कैबिनेट के अन्य अहम फैसलों में आइसीडीएस के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में चलने वाली ‘सबला’ योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 3425 करोड़ रुपये जारी किये गये, जिनमें 1855 करोड़ केंद्रांश और 1570 करोड़ राज्यांश जारी किया गया है.
सिपाही बहाली : अब फिजिकल परीक्षा ही होगी मेधा सूची का आधार, बिहार पुलिस में सिपाही की बहाली की नियमावली बदल गयी है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गयी. इसके लिए गृह विभाग ने बिहार पुलिस अधिनियम, 2007 में कई अहम बदलाव किये हैं. अब लिखित परीक्षा मेधा सूची का आधार नहीं होगी. इसमें पास करने वाले सिर्फ शारीरिक परीक्षा में शामिल होने के लिए क्वालिफायर समझे जायेंगे. लिखित परीक्षा दो घंटे की होगी, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जायेंगे. प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न का उत्तर सही होने पर एक अंक दिये जायेंगे. इस परीक्षा में कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होगी. इसमें शामिल होने के लिए इंटर पास होना अनिवार्य होगा और परीक्षा पैटर्न भी इसके ही समकक्ष होगा. फिजिकल परीक्षा में पास होना अनिवार्य होगा और मेधा सूची इसी के आधार पर तैयार की जायेगी. यह परीक्षा 100 अंकों की होगी. इसमें तय समयसीमा छह मिनट में दौड़ पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को गोला फेंक या ऊंची कूद की स्पर्धाओं में न्यूनतम मानदंड पूरा नहीं करने पर भी असफल घोषित नहीं किया जायेगा. ऐसे अभ्यर्थियों को संबंधित स्पर्धा में शून्य अंक मिलेगा. जिला एवं सैन्य पुलिस के सिपाही के पद पर नियुक्ति के लिए चयन की मेधा सूची शारीरिक योग्यता परीक्षा के अधीन तीनों स्पर्धाओं दौड़, ऊंची कूद और गोला फेंक में अभ्यर्थी को जितने अंक प्राप्त होंगे, उनके आधार पर मेधा सूची तैयार की जायेगी. जिनके पास शैक्षणिक योग्यता ज्यादा होगी, उन्हें मेधा सूची में कम शैक्षणिक योग्यता वालों से ऊपर रखा जायेगा. हालांकि, यह मेरिट लिस्ट शारीरिक परीक्षा के अंकों को शामिल करके ही तैयार की जायेगी.
अन्य अहम फैसले
– पीडीएस दुकानों का ऑडिट सोशल ऑडिट सोसाइटी के जरिये ही सामाजिक ऑडिट कराया जायेगा.
– सकरी (जीराईन) नदी पर दरियापुर वीयर का निर्माण और इसकी वितरण प्रणाली को बनाने के लिए 33.57 करोड़ की मंजूरी
– हाइकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों के ऑडर्ली, चालक, सुरक्षा गार्ड समेत अन्य को 14 हजार और 12 हजार प्रतिमाह दिया जायेगा. हर माह मुफ्त कॉल के अतिरिक्त 1500 कॉल की अधिकतम सीमा दी गयी है. इन सुविधाओं को एक अक्तूबर, 2014 के प्रभाव से ही दिया जायेगा.
– बिहार गृह रक्षा वाहिनी नियमावली के नियम-5 में संशोधन किया गया. इसमें अब ऑफिसर्स, मेन और वुमेन भी लिखा रहेगा. महिलाओं को 35% आरक्षण मिलने के बाद यह व्यवस्था की गयी है.
– राज्य के सभी अंचलों की जमाबंदी पंजियों की स्कैनिंग कर डिजिटाइजेशन एवं संरक्षण किया जायेगा.
– बांका जिले में बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा
– नालंदा जिले की नवगठित नगर पंचायत हरनौत में शामिल किये गये क्षेत्र में आंशिक संशोधन
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