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Duleep Trophy Final: साउथ जोन ने दलीप ट्रॉफी का जीता खिताब, फाइनल में वेस्ट जोन को 75 रनों से दी मात

साउथ जोन ने अपना दबदबा कायम रखते हुए रविवार को यहां वेस्ट जोन को 75 रन से करारी शिकस्त देकर दलीप ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीता. यह 14वीं बार है जब साउथ जोन ने खिताब अपने नाम किया.

साउथ जोन ने अपना दबदबा कायम रखते हुए रविवार को यहां वेस्ट जोन को 75 रन से करारी शिकस्त देकर दलीप ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीता. वेस्ट जोन ने 298 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पांचवें दिन सुबह अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 182 रन से आगे बढ़ाई और उसकी टीम 222 रन बनाकर आउट हो गई. साउथ जोन की तरफ से बाएं हाथ के स्पिनर साईं किशोर और तेज गेंदबाज वासुकी कौशिक ने चार चार विकेट लिये.

14वीं बार साउथ जोन ने जीता खिताब

साउथ जोन में 14वीं बार दलीप ट्रॉफी का खिताब जीता है. इससे उसने वेस्ट जोन से पिछले साल मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया. पिछले साल फाइनल में वेस्ट जोन ने साउथ जोन को 294 रन से हराया था. प्रियांक पंचाल ने सुबह अपनी पारी 92 रन से आगे बढ़ाई लेकिन वह इसमें केवल तीन रन जोड़कर पवेलियन लौट गए. उन्होंने तेज गेंदबाज विदवथ कावेरप्पा की गेंद पर विकेटकीपर रिकी भुई को कैच थमाया. इससे वेस्ट जोन की रही सही उम्मीद ही समाप्त हो गई. कावेरप्पा को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. अतीत सेठ (नौ) और धर्मेंद्रसिंह जडेजा (15) ने आठवें विकेट के लिए 23 रन जोड़े लेकिन इस से वह हार का अंतर ही कम कर पाए. धर्मेंद्र जडेजा ने साईं किशोर की गेंद पर लंबा शॉट खेलने के प्रयास में वाशिंगटन सुंदर को कैच थमाया. इसके बाद उन्होंने सेठ को भी आउट किया.

कप्तान ने टीम को दिया जीत का श्रेय

हनुमा विहारी ने रविवार को यहां अपनी अगुआई में साउथ जोन को दलीप ट्राफी खिताब दिलाने के बाद कहा कि इस समय वह कप्तानी का लुत्फ उठा रहे हैं.विहारी ने फाइनल की दो पारियों में 105 रन का योगदान दिया. इस प्रदर्शन से निश्चित रूप से भारतीय टीम में वापसी के प्रयास को मजबूती मिलेगी लेकिन इस समय वह अपने इस कप्तानी के अनुभव का आनंद ले रहे हैं. विहारी अब पूरे घरेलू सत्र में मध्य प्रदेश के लिए खेलेंगे. उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मैंने कप्तानी का लुत्फ उठाया. और जब आपके पास ऐसी टीम हो तो आप कप्तानी का आनंद उठाओगे ही.’

गेंदबाजी की जमकर की तारीफ

विहारी ने साउथ जोन के गेंदबाजी आक्रमण की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘जब आपकी टीम में इस तरह का गेंदबाजी आक्रमण हो तो कप्तानी का दबाव कम हो जाता है. हमारी योजना थी कि उन्हें तीन रन प्रति ओवर से कम पर ले आयें और गेंदबाजों ने पूरी तरह से रणनीति पर अमल किया. बेहतरीन गेंदबाज कप्तान का काम वास्तव में आसान बना देते हैं.’उन्होंने विशेष रूप से कर्नाटक के तीन तेज गेंदबाज विद्वथ कावेरप्पा, विजयकुमार विशाक और वासुकी कौशिक की सराहना की. इस तिकड़ी ने वेस्ट जोन के 20 में से 16 विकेट झटके.

विहारी ने कहा, ‘कर्नाटक के सभी तीनों तेज गेंदबाज विकेट को बखूबी जानते थे. जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि ऐसे गेंदबाज टीम में होना जो हालात को समझते हैं तो यह चीज फायदेमंद हो जाती है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसका इस्तेमाल अच्छी तरह करना अलग बात होती है और इन तीनों ने अपने कौशल से यह कर दिखाया.’

विद्वथ कावेरप्पा बने मैन ऑफ द सीरीज

साउथ जोन के लिए फाइनल में गेंदबाजी से कमाल करने वाले विद्वथ कावेरप्पा मैन ऑफ द मैच बने. फाइनल मुकाबले में उन्होंने 8 विकेट अपने नाम किया था. कावेरप्पा ने सेमीफाइनल में भी कमाल की गेंदबाजी की थी. उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल मिलाकर 15 विकेट अपने नाम किया. विद्वथ कावेरप्पा ने अबतक फर्स्ट क्लास करियर में 24 मैचों में 49 विकेट अपने नाम किया है. उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 104 रन देकर 8 विकेट है.

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