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शेल कंपनियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा, मुजफ्फरपुर में चार व्यापारियों के यहां छापे
इडी की कार्रवाई : 30 लाख कैश, ज्वेलरी बरामद पटना/मुजफ्फरपुर : इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिहार समेत आधा दर्जन राज्यों में फैले शेल (फर्जी) कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. इडी की विशेष टीम ने मुजफ्फरपुर के अलावा कोलकाता, नयी दिल्ली, अहमदाबाद समेत आधा दर्जन से ज्यादा शहरों में एक साथ छापेमारी […]
इडी की कार्रवाई : 30 लाख कैश, ज्वेलरी बरामद
पटना/मुजफ्फरपुर : इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिहार समेत आधा दर्जन राज्यों में फैले शेल (फर्जी) कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. इडी की विशेष टीम ने मुजफ्फरपुर के अलावा कोलकाता, नयी दिल्ली, अहमदाबाद समेत आधा दर्जन से ज्यादा शहरों में एक साथ छापेमारी की.
शेल कंपनियों के इस रैकेट के किंगपिन राजकुमार गोयनका के मुजफ्फरपुर स्थिति दो ठिकानों पर देर रात तक छापेमारी चलती रही. राजकुमार के पार्टनर पंकज अग्रवाल, मनीष अग्रवाल और अशोक अग्रवाल के ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी. मुजफ्फरपुर में इन व्यापारियों के करीब पांच ठिकानों पर एक साथ छापेमारी हुई, जहां से करीब 30 लाख रुपये कैश के अलावा बड़ी मात्रा में ज्वेलरी और कई बेहद महत्वपूर्ण कागजात बरामद हुए हैं.
शुरुआती जांच में यह पता चला कि इन व्यापारियों के रैकेट ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा शेल कंपनियों को बना रखा था, जिनमें अब तक करोड़ों रुपये ब्लैक से व्हाइट कर चुके हैं. साथ ही फर्जी लेन-देन और फर्जी चालान पर माल का मूवमेंट दिखाकर टैक्स की भी बड़े स्तर पर चोरी भी की है. इससे पहले राजकुमार गोयनका के कोलकाता स्थिति तीन ठिकानों पर दो बार छापेमारी हो चुकी है. उस दौरान भी इडी को कई दस्तावेज हाथ लगे थे.
कर्मचारी के नाम पर बैंक में खोले थे चार खाते : मोबाइल कारोबारी ने मिठनपुरा स्थित एक निजी बैंक में चार खाते अपने कर्मचारी कुणाल कुमार के नाम पर खोले थे.
इसकी जानकारी कुणाल को नहीं थी. हालांकि, कुणाल से कारोबारी ब्रदर्स ने उसका आइडी और फोटो जरूर लिया था. 22 दिसंबर, 2016 को गोयनका ब्रदर्स की दुकान पर पहुंच आयकर विभाग की एक टीम ने कर्मचारी से पूछताछ की थी. नोटबंदी के दौरान ही इनकम टैक्स के अधिकारी को जानकारी हुई कि रामबाग इलाके के कुणाल के दो निजी बैंकों के खाते से करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है.
कुणाल का ब्योरा बैंक से लेने के बाद इनकम टैक्स के अधिकारी ने छानबीन की तो पता चला कि वह एक निजी फर्म में सेल्समैन की नौकरी करता है. इसके बाद आइटी अधिकारी ने जिन खाते पर रुपये भेजे गये थे, उससे पूछताछ की तो पता चला कि कुणाल जिस व्यवसायी के यहां नौकरी करता है, उसने ही सारा गोरखधंधा किया है.
मोबाइल व आभूषण का है कारोबार
राजकुमार गोयनका और उसके भाई का आभूषण व मोबाइल का कारोबार है. एक कंपनी पूजा ट्रेडिंग व दूसरा कांता सेल्स कॉरपोरेशन के नाम से चलता है. आयकर विभाग ने व्यवसायी के कई बैंक खातों की जांच की थी.
अपने कर्मचारी ने ही दर्ज करायी थी प्राथमिकी
नोटबंदी के बाद राजकुमार गोयनका ने अपने कर्मचारी रामबाग निवासी कुणाल के खाते में 13 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया था. पूरे मामले की जांच के बाद कर्मचारी कुणाल कुमार ने ही मिठनपुरा थाने में व्यवसायी के खिलाफ एफआइआर करायी थी.
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