लॉस एंजिलिस/लंदन : चर्चित अभिनेत्री जीना डेविस ने खुलासा किया है जब वह मनोरंजन उद्योग में नयी थीं तो शुरुआती दिनों में एक ऑडिशन के दौरान एक निर्देशक ने उन्हें गोद में बैठने के लिये कहा था. लैंगिक समानता पर मुखरता से अपनी बात रखने वाली 63 वर्षीया अभिनेत्री ने कहा कि पहले शक्तिशाली पुरुषों द्वारा यौन दुराचार किया जाना आम बात थी, लेकिन अब चीजों में तेजी से अच्छे बदलाव हुए हैं.
डेविस ने ‘यूएसए टुडे’ से कहा, "मैं एक ऑडिशन दे रही थी जिसमें एक दृष्य में मुझे एक पुरुष कलाकार की गोद में बैठना था. निर्देशक ने कहा, ‘इस दृष्य को मेरे साथ करो’, और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया.
उन्होंने आगे कहा,’ यह एक तरह का सैक्सी दृष्य था. मैं इसे नहीं करना चाहती थी और मैं बहुत असहज थी, लेकिन मुझे नहीं पता था कि आप न नहीं कह सकते." फिल्म "देल्मा एंड लुईस" के लिये चर्चित डेविस ने कहा कि #मीटू और टाइम्स अप के समय भी अलग-अलग जगहों से इस तरह की बातें सामने आईं.
इस बीच, मशहूर अभिनेत्री जेना फोंडा ने कहा कि महिलाओं के अभियान ने हमें यह महसूस कराया है कि बलात्कार और छेड़छाड़ में हमारी गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि मीटू और टाइम्स अप अभियानों के बाद हम यह महसूस करने लगे कि अगर उनके साथ यौन दुर्व्यवहार या बलात्कार होता है तो यह हमारी गलती नहीं.
फोंडा (81) ने ब्रिटेन की पत्रिका ‘ओके’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई बार यह सबकुछ झेला है और उन्हें खुशी है कि आखिरकार महिलाओं की सुनी जा रही है. उन्होंने कहा, "बचपन में मेरा बलात्कार किया गया, यौन उत्पीड़न किया गया, बॉस के साथ नहीं सोने पर मुझे नौकरी से निकाल दिया गया. मुझे लगा कि यह मेरी गलती है कि मैं सही चीजें नहीं कर और कह सकी. महिलाओं के आंदोलनों की सबसे अच्छी चीज है कि हम यह महसूस करने लगे हैं कि बलात्कार और उत्पीड़न हमारी गलती नहीं है. हमारा उत्पीड़न किया गया, जो सही नहीं."