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Coronavirus: कहां गये चीन के 1.50 करोड़ मोबाइल यूजर्स?

China Telecom industry lose 15 million users post Coronavirus Outbreak: दुनिया के कोरोना कैपिटल (corona capital) बन चुके चीन (china) में लगभग 1.50 करोड़ मोबाइल फोन बंद हो गए हैं. ऐसे में चर्चा का बार गर्म है कि एक झटके में इतने मोबाइल यूजर्स कम होने के पीछे कोरोना वायरस (coronavirus) है या कोई और वजह?

China Telecom industry lose 15 million users post Coronavirus Outbreak: दुनिया के कोरोना कैपिटल (corona capital) बन चुके चीन (china) में लगभग 1.50 करोड़ मोबाइल फोन बंद हो गए हैं. ऐसे में चर्चा का बार गर्म है कि एक झटके में इतने मोबाइल यूजर्स कम होने के पीछे कोरोना वायरस है या कोई और वजह?

बताते चलें कि भारत की ही तरह चीन में भी करोड़ों लोग स्मार्टफोन और मोबाइल फोन यूज करते हैं. लेकिन ऐसी खबर है कि कोरोना वायरस फैलते ही लाखों की संख्या में मोबाइल फोन बंद हो गए. बड़ा सवाल यह है कि कोरोना वायरस (coronavirus) के फैलते ही इतने मोबाइल यूजर्स गये कहां?

इस बीच चीन में कोरोना वायरस के चलते हुई मौतों का जो आंकड़ा सामने आ रहा है, उस पर भी सवाल उठने लगे हैं. कई चीनियों ने मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट का हवाला देते हुए दावा किया है कि यह आंकड़ा ज्यादा हो सकता है. बताते चलें कि चीन की सरकार ने वायरस से अब तक लगभग 3,250 लोगों की मौत और 81,000 के संक्रमित होने की पुष्टि की है.

ऐसा माना जा रहा है कि‍ चीन सही आंकड़े नहीं दे रहा है. चीन झूठ बोलकर आंकड़े छिपा रहा है. बताया जा रहा है कि वुहान शहर और उसके आसपास अब कई घरों में रात को लाइट भी नहीं जलती, जबकि बिजली वितरण में कोई समस्या नहीं है. यह मामले की गंभीरता की तरफ इशारा करता है.

बताते चलें कि भारत में बीएसएनएल (BSNL), जि‍यो (JIO), एयरटेल (Airtel), आइडिया (Airtel), वोडाफोन (Vodafone) जैसी दूरसंचार कंपनियां हैं. वहीं, चीन में मुख्यतः तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं- चाइना मोबाइल (China Mobile), चाइना यूनिकॉम (China Unicom) और चाइना टेलीकॉम (China Telecom).

जनवरी से मार्च के बीच इन कंपनियों के 1.50 करोड़ से ज्यादा एक्टिव ग्राहक गुम हो चुके हैं. 1.50 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोग जो रोज इन मोबाइल नेटवर्क्स का इस्तेमाल कर रहे थे, वो अब कहां हैं इसकी जनकारी किसी को नहीं है. उन एक्टिव यूजर्स का मोबाइल अब बंद है.इन मोबाइल कंपनियों को लेकर यह जानकारी सामने आयी है कि‍ जनवरी 2020 से पहले हर महीने इसके ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही थी. वहीं, जनवरी से मार्च तक 1.50 करोड़ से ज्यादा एक्टिव ग्राहक कम हो चुके हैं. ऐसी स्थिति 23 सालों में पहली बार उत्पन्न हुई है.

इसके अलावा, एक सच यह भी है कि‍ कई लोग एक से ज्यादा मोबाइल फोन रखते हैं. अगर 1 करोड़ 50 लाख एक्टिव नंबर अब बंद हो चुके हैं. बताया जाता है कि बंद हो चुके मोबाइल के यूजर्स अब अब इस दुनिया में नहीं हैं. वहां फैली कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आकर उनकी मौत हो चुकी है. अगर हर शख्स 2 मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था, तो कम हुए लोगों की संख्या लगभग 75 लाख होगी.

आपको बताते चलें कि चीन ऐसा देश है, जहां मीडिया स्वतंत्र नहीं है. ऐसे में माना यह जा रहा है कि इसीलिए चीन में कोरोना से मरने वालों की सही संख्या भी दुनिया के सामने नहीं आ रही है. चीनी सरकार अपने हिसाब से मौत की पुष्टि कर रही है. वहीं, दूसरी थ्योरी कहती है कि चीनी टेलीकॉम इंडस्ट्री इन दिनों खस्ताहाल है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले साल चीन में मोबाइल नंबर पोर्टेबलिटी (MNP) लागू हुआ था, जिसके बाद लोगों ने अपना नंबर बिना बदले ऑपरेटर्स बदले हैं. ऐसे में यूजर्स ने जिन कंपनियों का नेटवर्क छोड़ा है, उनकी सब्सक्राइबर बेस में कमी आयी है और एक-एक कर यह संख्या लाखों में पहुंच गई.

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