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यदि यह लापरवाही है, तो चुकाना पड़ सकता है खामियाजा, रेड जोन से हजारीबाग आये प्रवासियों को घर भेजने का मामला

झारखंड के हजारीबाग जिला में एक बीडीओ को फैसले ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है. दरअसल, जिला के दारू प्रकंड में एक कोरेंटिन सेंटर में रह रहे 27 प्रवासी मजदूरों ने जब भोजन की मांग की, तो बीडीओ ने प्रवासी मजदूरों को कोरेंटिन सेंटर से निकाल घर भेज दिया. कोरेंटिन सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया.

दारू (हजारीबाग) : झारखंड के हजारीबाग जिला में एक बीडीओ को फैसले ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है. दरअसल, जिला के दारू प्रकंड में एक कोरेंटिन सेंटर में रह रहे 27 प्रवासी मजदूरों ने जब भोजन की मांग की, तो बीडीओ ने प्रवासी मजदूरों को कोरेंटिन सेंटर से निकाल घर भेज दिया. कोरेंटिन सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया.

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मामला दारू प्रखंड के इरगा पंचायत के राजकीय मध्य विद्यालय बड़वार की है. रविवार को सभी प्रवासियों ने भोजन व सुविधा नहीं मिलने को लेकर सवाल खड़े किये थे और एक वीडियो वायरल कर दिया. इसके बाद दारू बीडीओ रामरतन कुमार वर्णवाल, मुखिया त्रिलोकी यादव व दारू थाना की पुलिस कोरेंटिन सेंटर पहुंची. सभी प्रवासियों को अपने-अपने घर जाने के लिए कह दिया.

बीडीओ के इस आदेश के बाद मजदूर अपने परिवार व समाज को सुरक्षित रखने के लिए 14 दिनों तक कोरेंटिन सेंटर में रखने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाने लगे. लेकिन, किसी ने उनकी एक न सुनी. इस केंद्र में 27 प्रवासी मजदूर थे, जो रेड जोन इलाका मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और चेन्नई समेत कई राज्यों से आये हुये थे. ये सभी लोग सेंटर में 12 मई से रह रहे थे.

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इनमें कुछ प्रवासी मजदूर तीन या छह दिन पहले आये थे. छह दिनों तक प्रवासियों ने अपने घरों से खाना मंगवाकर खाया. बाद में भोजन मिलने की सूचना पर प्रवासी भोजन की मांग करने लगे. इसलिए उन्होंने भोजन की मांग की. इससे नाराज होकर बीडीओ ने सभी को घर भेज दिया.

इधर, प्रवासी मजदूरों में भय है कि यदि उनमें से कोई भी संक्रमित हुआ, तो उनके परिवार या समाज के लोग भी खतरे में आ सकते हैं. प्रवासी कृष्णा राणा, सन्नी राणा, हरि राणा, दामोदर प्रसाद, बचन प्रसाद, विनोद साव, राजू मिर्धा, दीपक प्रसाद , राजू राणा, संदीप राणा सहित कई लोग इनमें शामिल हैं. कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर प्रवासी व उनके परिवार काफी चिंतित हैं.

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मुखिया बोले : खाना बनाने वाला नहीं मिला

मुखिया त्रिलोकी यादव ने कहा कि सेंटर में खाना बनाने वाला नहीं मिला. इस कारण प्रवासियों को खाना नहीं दिया गया. बीडीओ के आदेश पर सभी को स्क्रीनिंग के बाद घर भेज दिया गया.

यह कोरेंटिन सेंटर नहीं : बीडीओ

दारू के बीडीओ रामरतन वर्णवाल ने बताया कि यह कोरेंटिन सेंटर नहीं है. यहां लोग खुद से पहुंच गये थे और रह रहे थे. इसलिए लोगों को अपने घर जाने के लिए कहा गया.

होम कोरेंटिन के लिए भेजा गया : उपायुक्त

हजारीबाग के उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने बताया कि जिला में प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ रही है. जिस कोरेंटिन सेंटर में सात दिन तक प्रवासी मजदूरों में कोरोना से संबंधित कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, उन्हें घर में कोरेंटिन करने का आदेश दिया गया है.

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