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क्राइम इन बिहार-2019 : एसिड अटैक, दहेज हत्या जैसे मामलों में कमी, सीमांचल के जिलों में दुराचार की घटनाएं अधिक

राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति पर सिर्फ 0.7 यानी एक से कम दुराचार की घटनाएं होती हैं.

पटना : राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति पर सिर्फ 0.7 यानी एक से कम रेप की घटनाएं होती हैं. मगर, अन्य जिलों की तुलना में सीमांचल के जिलों मसलन किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल के अलावा भागलपुर, खगड़िया, दरभंगा, पटना, अरवल, जहानाबाद, शेखपुरा आदि जिलों में रेप की अधिक घटनाएं दर्ज की गयी हैं.

इस बात का खुलासा मंगलवार को जारी क्राइम इन बिहार-2019 रिपोर्ट से हुआ. डीजीपी एसके सिंघल ने क्राइम इस रिपोर्ट का इ-पब्लिकेशन जारी किया. राज्य अपराध ब्यूरो की ओर से तैयार की गयी इस रिपोर्ट में राज्य में हुए आपराधिक घटनाओं व पुलिस कार्रवाई को लेकर एक रिकॉर्ड है.

एसिड अटैक, दहेज हत्या जैसे मामलों में कमी

काइम रिकॉर्ड 2019 के रिपोर्ट के अनुसार सभी बड़े आपराधिक घटनाओं को लेकर प्रति एक लाख व्यक्ति के अनुसार औसत अपराध का ब्योरा भी जारी किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति पर 2.9 यानी लगभग तीन लोगों की हत्याएं होती हैं.

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हत्या के मामले सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, मधेपुरा, बेगूसराय, पूर्णिया, नालंदा, लखीसराय, जमुई, गया, खगड़िया और शेखपुरा में अन्य जिलों के मुताबिक अधिक हैं. वहीं, राज्य में दहेज हत्या का मामला भी काफी कम है. राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति में सिर्फ एक महिलाओं के साथ ऐसा होता है.

इसको लेकर पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, पटना, सीवान आदि 15 जिलों को चिह्नित किया गया है. वहीं, प्रति एक लाख व्यक्ति पर शून्य व्यक्ति एसिड अटैक का शिकार होता है. पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, खगड़िया, कटिहार व मुंगेर जिलों में एसिड अटैक के मामले अधिक रहे हैं.

चोरी के मामले बढ़े

आपराधिक रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में बीते दो वर्षों के मुकाबले चोरी व रेप के मामले बढ़े हैं, लेकिन वर्ष 2015 और 2016 से तुलना की जाये तो इन दोनों मामलों में कमी आयी है. पूरे राज्य में वर्ष 2019 के दौरान हत्या के 3138 मामले दर्ज किये गये थे.

वहीं रेप के 730 और चोरी के 34971 मामले दर्ज किये गये थे. सबसे बड़ी बात है कि राज्य में वेश्यावृति के लिए खरीद-बिक्री का मामला शून्य रहा है. इसके अलावा पीछे चार वर्षों की तुलना में दुश्मनी के लिए अपहरण के मामलों में वृद्धि हुई है. वर्ष 2019 के दौरान अपहरण के 10,707 मामले दर्ज दिये गये हैं.

किसी अन्य घटना के मुकाबले राज्य में सबसे अधिक चारी की घटनाएं होती है. रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार प्रति एक लाख व्यक्ति पर 32.5 घटनाओं का औसत है, जबकि एक साल में चोरी की कुल 34,971 घटनाएं हुई हैं. फिरौती के लिए अपहरण के मामले भी कम हैं. इसका प्रति एक लाख व्यक्ति पर फिरौती के लिए अपहरण की घटना शून्य रही है.

Posted by Ashish Jha

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