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मुंगेर के रेल सह सड़क पुल बनने से कम होगी 130 किलोमीटर की दूरी, लेकिन ढाई किलोमीटर जमीन के कारण 18 साल से अटका है पूरा प्रोजेक्ट

मुंगेर घाट पर दो लेन का रेल सह सड़क पुल लगभग बनकर तैयार है, लेकिन इसका एप्रोच रोड बनाने के लिए करीब ढाई किमी के जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा है. इस कारण इस पुल पर आवागमन शुरू नहीं हो सका है. जमीन अधिग्रहण के संबंध में आला अधिकारी लगातार मुंगेर जिला प्रशासन के संपर्क में हैं, लेकिन अब तक एप्रोच रोड के निर्माण की दिशा में ठोस पहल नहीं होने से काम अटका हुआ है. इसके सहित राज्य की 29 एनएच परियोजनाओं की समीक्षा 12 जनवरी को करने की तिथि पटना हाइकोर्ट ने तय की है.

मुंगेर घाट पर दो लेन का रेल सह सड़क पुल(munger ka rail pul) लगभग बनकर तैयार है, लेकिन इसका एप्रोच रोड बनाने के लिए करीब ढाई किमी के जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा है. इस कारण इस पुल पर आवागमन शुरू नहीं हो सका है. जमीन अधिग्रहण के संबंध में आला अधिकारी लगातार मुंगेर जिला प्रशासन के संपर्क में हैं, लेकिन अब तक एप्रोच रोड के निर्माण की दिशा में ठोस पहल नहीं होने से काम अटका हुआ है. इसके सहित राज्य की 29 एनएच परियोजनाओं की समीक्षा 12 जनवरी को करने की तिथि पटना हाइकोर्ट ने तय की है.

मई 2021 तक तैयार कर आवागमन शुरू करने की समयसीमा तय

सूत्रों के अनुसार मुंगेर घाट पर दो लेन रेल सह सड़क पुल के दोनों तरफ करीब 14.5 किमी लंबी और 60 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड बनाने की योजना है. इसमें मुंगेर की ओर 9.39 किलोमीटर, जबकि बेगूसराय जिला के मल्हीपुर-हिराटोल की ओर एनएच-31 तक 5.133 किलोमीटर सड़क बनायी जायेगी. इसकी लागत करीब 227 करोड़ रुपये आने की संभावना है. इस सड़क को मई 2021 तक तैयार कर आवागमन शुरू करने की समयसीमा तय की गयी है.

जमीन अधिग्रहण का फंसा है पेच

सूत्रों का कहना है कि मुंगेर जिला में एप्रोच रोड बनाने के लिए छह में से पांच गांव के जमीन अधिग्रहण की समस्या सुलझा ली गयी थी और मुआवजा देने के लिए पैसा जारी कर दिया गया था. बाद में जिला प्रशासन की तरफ से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल उठाने से यह काम रुक गया और करीब ढाई किमी लंबाई में एप्रोच बनाने का पेच फंसा ही रह गया.

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करीब 18 साल से अटका है पुल का काम

मुंगेर घाट के रेल सह सड़क पुल का काम करीब 18 साल से अटका हुआ है. इसका शिलान्यास 26 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. रेल पुल को 2016 में चालू कर दिया गया. करीब 921 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण 2007 में ही पूरा होना था. बाद में जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण इसकी लागत में बढ़ोतरी हो गयी और 16 नवंबर, 2015 को पुल के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 2774 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी.

क्या होगा फायदा

एप्रोच रोड बनने और पुल पर आवागमन शुरू होने से मुंगेर का जुड़ाव पूर्वी बिहार और कोसी क्षेत्र से हो जायेगा. खगड़िया और बेगूसराय की दूरी मुंगेर से महज 30 से 40 किलोमीटर ही होगी. मुंगेर से खगड़िया और बेगूसराय का सफर कुछ मिनटों में तय हो सकेगा. फिलहाल मुंगेर के लोगों को सड़क मार्ग से 160-170 किलोमीटर की दूरी तय कर खगड़िया और बेगूसराय जाना पड़ता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल चंदन वत्स ने कहा कि मुंगेर के रेल सह सड़क पुल के एप्रोच रोड का निर्माण जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण रुका हुआ है. इस संबंध में राज्य के आला अधिकारियों ने जिला प्रशासन को समस्या का समाधान करने का कई बार निर्देश दिया है. वहीं, इस परियोजना पर पटना हाइकोर्ट की भी नजर है. इस संबंध में एनएच की अन्य परियोजनाओं के साथ इस एप्रोच रोड के बारे में भी 12 जनवरी, 2021 को सुनवाई होगी.

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