35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बचपन में ही अपने सवालों से माता – पिता और शिक्षकों को निरुत्तर कर देते हैं थे स्वामी विवेकानंद

पूरे विश्व को भारत की सभ्यता, संस्कृति और आध्यात्म से परिचय कराने वाले स्वामी विवेकानंद की कई कहानियां उनके जीवन से जुड़ी कई बातें आज हमें प्रेरित करती हैं. अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म के महान विचारों से पूरी दुनिया का परिचय करवाया था.

अमेरिका के शिकागो में हुए सम्मेलन में अपने भाषण से पूरी दुनिया को हिंदू धर्म के महान विचारों से प्रभावित किया था. स्वामी विवेकानंद के विचार की खूब चर्चा रही है लेकिन उनके परिवार के संबंध में लोगों को कम जानकारी है.

12 जनवरी 1863 को जन्में विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. बचपन में वीरेश्वर नाम से पुकारे जाने वाले विवेकानंद एक कायस्थ परिवार में जन्में थे. विवेकानंद के पिता कलकत्ता हाईकोर्ट के प्रतिष्ठित वकील थे. परिवार में दादा के संस्कृत और फारसी के विद्वान होने के कारण घर में ही पठन-पाठन का माहौल मिला था। जिससे प्रभावित होकर नरेंद्रनाथ ने 25 वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था और सन्यासी बन गए थे. बचपन से ही उन्हें ईश्वर को पाने की ललक थी ईश्वर को जानने की इच्छा थी. नरेंद्रनाथ अध्यापक और माता-पिता से ऐसे-ऐसे सवाल पूछते थे कि सभी उनकी बातों से निरुत्तर हो जाते थे.

नौ भाई बहनों में से एक नरेंद्रनाथ दत्त की स्कूली शिक्षा ईश्वर चंद्र विद्यासागर मेट्रोपोलिटन इंस्टीट्यूट में हुई थी. आठ वर्ष की उम्र से स्कूल जाना शुरू करने वाले विवेकानंद ने कलकत्ता से रायपुर जाने से पहले तक इसी विद्यालय में शिक्षा पूरी की थी. वेकानंद महान विचारों के स्वामी थे. स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को पूरे देश में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें