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पूंजी के लिए सरकार-शेयरहोल्डर्स के पास जायेगी LIC, जानें,क्यों निजी बीमा कंपनियों को मिलेगी कड़ी चुनौती

LIC Chairperson MR Kumar on Capital Growth: एलआईसी के चेयरमैन श्री कुमार ने कहा कि किसी भी बीमा कंपनी का मुनाफा किसी अन्य कंपनी से बिल्कुल अलग होता है. हमारे पास 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का सरप्लस था...

नयी दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अगर पूंजी की जरूरत होगी, तो संस्था न केवल सरकार के पास जायेगी, बल्कि सभी शेयरहोल्डर्स से भी मदद मांगेगी. हालांकि, एलआईसी के चयेरमैन एमआर कुमार (LIC Chairperson MR Kumar) को ऐसा नहीं लगता कि इस वक्त जीवन बीमा निगम को पूंजी की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि कंपनी के विस्तार के लिए यदि पूंजी की जरूरत होगी, तो शेयरधारकों के साथ-साथ सरकार से भी मदद मांगेंगे.

50 हजार करोड़ से अधिक था एलआईसी का सरप्लस

एलआईसी के चेयरमैन श्री कुमार ने कहा कि किसी भी बीमा कंपनी का मुनाफा किसी अन्य कंपनी से बिल्कुल अलग होता है. हमारे पास 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का सरप्लस था, लेकिन इसमें से 95 फीसदी हिस्सा बीमाधारकों का था. हम और आगे बढ़ेंगे, तो सरप्लस का डिस्ट्रीब्यूशन बदलकर 95 फीसदी से 90 फीसदी हो जायेगा. इसी अनुपात में कंपनी का मुनाफा भी बढ़ जायेगा.

एलआईसी बनेगी निजी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती

उधर, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीओ लाने जा रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एलआईसी (LIC IPO) आने वाले समय में अपने कारोबार को गैर-प्रतिभागी पॉलिसी की दिशा में मोड़कर निजी बीमा कंपनियों को तगड़ी चुनौती दे सकती है. स्विस ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने आईपीओ की मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दायर आवेदन ब्योरे का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इसकी संभावना जतायी गयी है.

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एलआईसी का मार्जिन बढ़कर 9.9 फीसदी हुआ

रिपोर्ट कहती है कि एलआईसी की कारोबारी प्रमुखता में बदलाव का सबसे ज्यादा असर एसबीआई लाइफ (SBI Life), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential), एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) और मैक्स लाइफ (Max Life) जैसी जीवन बीमा कंपनियों को उठाना पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी पहले ही अपने मार्जिन को 7 प्रतिशत अंक बेहतर करते हुए 9.9 प्रतिशत पर पहुंचा चुकी है. सरकार ने एलआईसी के अधिशेष एवं लाभ वितरण नियमों में बदलाव कर इसके मार्जिन में बढ़ोतरी का रास्ता आसान बनाया है.


20 फीसदी तक अपना मार्जिन ले जा सकती है एलआईसी

इसकी वजह से एलआईसी (LIC) अपने कारोबार में भागीदार पॉलिसी के साथ गैर-प्रतिभागी पॉलिसी को भी 10 प्रतिशत जगह दे सकेगी, जो फिलहाल महज 4 प्रतिशत है. इससे एलआईसी अपने मार्जिन (LIC Margin) को 20 प्रतिशत तक भी लेकर जा सकती है. क्रेडिट सुइस का यह अनुमान इस संकल्पना पर आधारित है कि एलआईसी का बीमा कारोबार (LIC Insurance Business) पूरी तरह नये अधिशेष वितरण की तरफ स्थानांतरित हो जायेगा. वर्तमान में गैर-प्रतिभागी पॉलिसी 100 फीसदी और प्रतिभागी पॉलिसी 10 प्रतिशत है.

Posted By: Mithilesh Jha

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