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झारखंड में शराब के लिए होलोग्राम छापनेवाली कंपनी को हटाया जायेगा, विभाग ने कई बार दिया था आदेश

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे लोग और कंपनियां झारखंड में भी शराब के व्यापार के खास बिंदुओं पर स्थापित हो गये. सबसे अहम बात यह है कि राज्य से तत्कालीन उत्पाद मंत्री जनवरी 2023 तक होलोग्राम छापनेवाली कंपनी के कामकाज पर सवाल उठाते रहे.

रांची, शकील अख्तर : झारखंड सरकार होलोग्राम छापनेवाली कंपनी ‘प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्रालि’ से काम छीनने की तैयारी कर रही है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में उक्त कंपनी के फंसे होने की वजह से सरकार के स्तर से यह कदम उठाया जा रहा है. झारखंड सरकार ने इस कंपनी को पांच साल तक के लिए शराब की बोतलों पर लगाया जानेवाला होलोग्राम छापने का काम दिया था.

नयी शराब नीति के तहत राज्य में शराब का कारोबार मई 2022 से शुरू हुआ था. गौरतलब है कि यहां नयी शराब नीति के सलाहकार के रूप में अरुण पति त्रिपाठी को नियुक्त किया गया था. साथ ही, ‘प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्रालि’ को होलोग्राम छापने का ठेका मिल गया. जबकि, राज्य में मैनपावर सप्लाई करने का काम ‘सुमित फैसिलिटीज’ को सौंपा गया. इस तरह छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे लोग और कंपनियां झारखंड में भी शराब के व्यापार के खास बिंदुओं पर स्थापित हो गये. सबसे अहम बात यह है कि राज्य से तत्कालीन उत्पाद मंत्री जनवरी 2023 तक होलोग्राम छापनेवाली कंपनी के कामकाज पर सवाल उठाते रहे. हालांकि, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में इस कंपनी की भूमिका उजागर होने से पहले तक झारखंड में इसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी.

विभाग के निर्देशों को दरकिनार करती रहीं कंपनियां

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शामिल मैनपावर सप्लाई करनेवाली कंपनी सुमित फैलिसिटीज को पू सिंहभूम, बोकारो, रामगढ़, देवघर और गिरिडीह में शराब की दुकान चलाने का काम मिला. लेेकिन, नयी शराब नीति के तहत शराब का कारोबार शुरू होने के बाद से ही यहां खुदरा दुकानों के लिए निर्धारित मात्रा में कभी भी शराब का उठाव नहीं हुआ. उत्पाद विभाग के अधिकारी विभिन्न जिलों में पदस्थापित अपने अधीनस्थ अधिकारियों के अलावा मैन पावर सप्लाई करनेवाली कंपनियों को उठाव और बिक्री राजस्व लक्ष्य के अनुरूप करने का निर्देश देते रहे, लेकिन कंपनियों पर प्रभाव नहीं पड़ा.

नौ सितंबर 2022 को उत्पाद आयुक्त ने रामगढ़, धनबाद, लोहरदगा, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, जामताड़ा, पाकुड़, गिरिडीह, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम, चाईबासा को पत्र लिख उठाव और बिक्री असंतोषप्रद करार देते हुए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उठाव और बिक्री करने का निर्देश दिया. उसी दिन उन्होंने राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरे राज्य में प्रति दिन कुल 24.54 करोड़ रुपये की दर से शराब की बिक्री का निर्देश दिया. इसके बावजूद आवश्यक सुधार नहीं हुआ.

सितंबर तक एमजीआर के मुकाबले उठाव की स्थिति का ब्योरा

जिला – उठाव

  • रांची – 58.38%

  • सिमडेगा – 56.66%

  • गुमला – 79.02%

  • गढ़वा – 78.18%

  • लातेहार – 78.29%

  • पलामू – 58.52%

  • जामताड़ा – 65.74%

  • पाकुड़ – 70.68%

  • देवघर – 76.54%

  • चाईबासा – 74.07%

  • कोडरमा – 74.435%

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