32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Chaitra Navratri 2023: नाव पर सवार होकर देवी मां, मिलेंगे शुभ फल, जानें क्या होने वाला है असर

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरु होने जा रहे हैं और समापन 30 मार्च 2023 को होगा. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. 30 मार्च को रामनवमी मनाई जाएगी. आइए जानें इस बार मां किस वाहन पर सवार होकर आएंगी.

Chaitra Navratri 2023:  चैत्र नवरात्रि 2023 (Navratri 2023) सनातन धर्म के श्रद्धालुओं द्वारा मनाए जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है. नवरात्रि शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है, जिसका अर्थ है नौ रातें. कई राज्यों में नवरात्रि को गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरु होने जा रहे हैं और समापन 30 मार्च 2023 को होगा. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. 30 मार्च को रामनवमी मनाई जाएगी. आइए जानें इस बार मां किस वाहन पर सवार होकर आएंगी.

नाव पर सवार होकर आएगी देवी मां

इस साल चैत्र नवरात्रि मां की सवारी नाव रहेगी. धार्मिक मान्यता है कि नाव पर सवार होकर देवी मां जब भी आती है तो यह काफी शुभ होता है.   इस बार मां दुर्गा डोली में विदा होकर जाएंगी.
शेर के अवाला भी ये हैं मां दुर्गा के वाहन? दुर्गा मां का मुख्य वाहन सिंह होता है. इसके साथ ग्रंथों के अनुसार मां दुर्गा हाथी, घोड़ा, नाव, पालकी पर भी सवार होती हैं.

मां दुर्गा नवरात्र में सिंह के बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि –
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

इसका अर्थ है कि रविवार और सोमवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर आती हैं. शनिवार  मंगलवार को कलश स्थापना होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं. बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं.

नवरात्रि के पावन मौके मां दुर्गा से इन रूपों की होती है पूजा

नवरात्रि के पावन मौके पर मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी,सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इन सभी देवियों का विशेष महत्व माना गया है.इन सभी देवियों की पूजा करने से नवग्रहों की शांति होती है.  चैत्र नवरात्रि 2023 की प्रथम तिथि को कलश स्थापना की जाती है. उसके बाद 9 दिनों तक उस कलश का पूजन किया जाता है. नवरात्रि 2023 (Navratri 2023) की अष्टमी व नवमी को छोटी कन्याओं को माँ दुर्गा का स्वरूप मानते हुए कन्या भोज कराया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें