तालिबान का बांग्लादेशी संस्करण के नाम से कुख्यात इस आतंकी संगठन को ‘जमात-उल-मुजाहिद्दीन बंगलादेश’ (जेएमबी) के नाम से जाना जाता है. इस आतंकी संगठन की सबसे चौंकाने वाली खासियत यह है कि यह पश्चिम बंगाल के अलग-अलग जिलों में अपने अलग-अलग नामों से जाना जाता है. गृह मंत्रलय ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर बिहार में इस आतंकी संगठन के विस्तार की भावी योजनाओं से बिहार सरकार को अवगत कराया है. साथ ही बिहार के उन जिलों में विशेष सतर्कता और चौकसी के निर्देश दिये गये हैं, जो जिले पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश बांग्लादेश से काफी करीब हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गये अलर्ट में कहा गया है कि यह आतंकी संगठन बिहार के उन जिलों से अपनी गतिविधियों का संचालन करने की फिराक में है जहां प्रशासनिक मुस्तैदी का घोर अभाव है. इन जिलों में भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जैसे जिले शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्धमान विस्फोट के बाद एनआइए और आइबी ने मिल कर इस आतंकी संगठन के संबंध में एक डोजियर भी तैयार किया है, जिसे अगले कुछ ही दिनों में बांग्लादेश की सरकार को सौंपा जाना है. इस डोजियर में इस आतंकी संगठन के बांग्लादेश स्थित चटगांव और बंदारबान में चल रहे आतंकी कैंपों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी है. भारत सरकार ने इस डोजियर में बर्धमान विस्फोट की जांच से जुड़ी स्टैटस रिपोर्ट के बारे में भी पूरी जानकारी उपलब्ध करायी है. इस आतंकी संगठन की निगाह बिहार के बेरोजगार युवकों पर भी है.