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एक करोड़ टैक्स बकाया हजार घरों का पानी बंद
गुमला: गुमला शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. लोगों को सप्लाई पानी नहीं मिल रहा है. दरअसल, नगर परिषद ने वाटर टैक्स नहीं मिलने से नाराज होकर पुराने पाइप लाइन से जलापूर्ति बंद कर दी है. इससे करीब एक हजार उपभोक्ताओं को पेयजल नहीं मिल पा रहा है. हालांकि, गुमला शहरी क्षेत्र में […]
गुमला: गुमला शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. लोगों को सप्लाई पानी नहीं मिल रहा है. दरअसल, नगर परिषद ने वाटर टैक्स नहीं मिलने से नाराज होकर पुराने पाइप लाइन से जलापूर्ति बंद कर दी है. इससे करीब एक हजार उपभोक्ताओं को पेयजल नहीं मिल पा रहा है. हालांकि, गुमला शहरी क्षेत्र में करीब 1600 उपभोक्ता हैं. इसमें 215 नये उपभोक्ता हैं, जिन्हें नये पाइप लाइन से जलापूर्ति की जा रही है. जिस उपभोक्ता ने वर्ष 1986 में बिछाये गये पाइप लाइन से वाटर कनेक्शन लिया है, उनका कनेक्शन काट दिया गया है. नगर परिषद का कहना है कि पुराने उपभोक्ताओं के पास करीब एक करोड़ रुपये वाटर टैक्स बकाया है. इस कारण पुराने पाइप लाइन से पानी आपूर्ति बंद करा दी गयी है.
नदी खोद बालू निकाल लिया : खटवा नदी में 1973-74 में जलापूर्ति केंद्र बना था. पूरे शहर के लोग खटवा नदी का पानी पीते थे. लेकिन बीते छह साल से खटवा जलापूर्ति केंद्र का हाल ठीक नहीं है. नदी से घट रहे बालू के कारण नदी का अस्तित्व खत्म हो गया. 1977 से काम कर रहे तिवारी उरांव ने बताया कि चार से पांच फीट गड्ढा खोद कर नदी का बालू निकाल लिया गया. अब नदी में बालू की जगह घास व मिट्टी बच गया है. इसके कारण स्थिति और ज्यादा खराब हो गयी है.
पुराने पाइप से जलापूर्ति बंद : ईई
पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता त्रिभुवन बैठा ने कहा कि पुराने लाइन में कई स्थानों पर पाइप सड़ गया है, जिससे दूषित पेयजलापूर्ति हो रही है. नगर परिषद का टैक्स भी बकाया है. लोग नयी पाइप लाइन से कनेक्शन ले लें.
दो हजार देकर नया कनेक्शन लेना होगा : इओ
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रामाशंकर राम ने कहा कि पीएचइडी विभाग के माध्यम से पुराने पाइप लाइन से पानी सप्लाई बंद कर दी गयी है. उपभोक्ता बकाया वाटर टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. अब नये पाइप लाइन से उपभोक्ता कनेक्शन ले सकते हैं. इसके लिए नगर परिषद में दो हजार रुपये देना होगा.
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