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वीयरेबल्स, क्लाउड और मोबिलिटी तकनीकों से बेहतर होंगी हेल्थ सर्विसेज

काम की लंबी अवधि, मैनपावर की कमी, अत्यधिक तनावपूर्ण माहौल में काम करने और एक साथ अनेक मरीजों की जांच करने के कारण अस्पतालों में काम करनेवाले डॉक्टरों और नर्सों को अक्सर अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस बात से आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि उनसे कई बार गलतियां हो जाती […]

काम की लंबी अवधि, मैनपावर की कमी, अत्यधिक तनावपूर्ण माहौल में काम करने और एक साथ अनेक मरीजों की जांच करने के कारण अस्पतालों में काम करनेवाले डॉक्टरों और नर्सों को अक्सर अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में इस बात से आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि उनसे कई बार गलतियां हो जाती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि विविध तकनीकों के इस्तेमाल से इन गलतियों यानी मेडिकल एरर्स की गुंजाइश कम की जा सकती है. किस तरह की तकनीकों के सहारे इन गलतियों को रोकने में मिल रही है मदद समेत इससे संबंधित अनेक मसलाें को रेखांकित कर रहा है
मेरिका में मेडिकल एरर्स यानी चिकित्सा संबंधी गलतियां मृत्यु का तीसरा बड़ा कारण बन चुकी है. अमेरिका की जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस कारण से अमेरिका में प्रत्येक वर्ष करीब ढाई लाख लोगों को असमय काल के गाल में समाना पड़ता है. इस मामले की गंभीरता को इससे भी समझा जा सकता है कि सिंगापुर को हेल्थकेयर हब होने का प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त हो चुका है, लेकिन वहां भी कई बार मेडिकल त्रुटियां सामने आती हैं.
पिछले साल इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन ऑपरेशन में गलती से किसी अन्य दानकर्ता के स्पर्म का इस्तेमाल होने से बच्चे का स्किन कम्प्लेक्सन उसके स्वाभाविक माता-पिता से अलग तरह का हो गया था. इसलिए, अस्पतालों में इस तरह की गलतियों की गुंजाइश को कम-से-कम करते हुए इन्हें रोकने को प्राथमिकता देने की जरूरत है.
जेब्रा टेक्नोलॉजिज में ग्लोबल हेल्थकेयर प्रैक्टिस के मुखिया क्रिस सुलिवान और जीइ हेल्थकेयर ग्लोबल सर्विसेज में परफॉरमेंस ऑप्टिमाइजेशन के जनरल मैनेजर गिरीश मुरलीधरन का कहना है कि समुचित रणनीति बनाने और तकनीक के इस्तेमाल से ही ऐसी गलतियों को कम किया जा सकता है.
हेल्थकेयर इंडस्ट्री को अपने असेट्स में अधिकतम विजिबिलिटी रखने की जरूरत है यानी अस्पताल या क्लिनीक में मौजूद सभी चीजों का जरूरत के अनुरूप इस्तेमाल हो सके, ताकि सही समय पर मरीज को समुचित तरीके से सही इलाज मुहैया कराया जा सके.
असेट्स को मैनेज करना
मुरलीधरन के मुताबिक, पिछले 15 सालों से रीयल-टाइम लोकेशन सिस्टम्स (आरटीएलएस) उल्लेखनीय रूप से अस्पतालों के क्रिटिकल माेबाइल क्लिनीक और व्यापक तादाद में सामग्रियों को मैनेज करने में मददगार साबित हुआ है.
इसकी मदद से पूंजी और मरम्मत लागत के रूप में करोड़ों रुपये बचाये गये हैं. जीइ हेल्थकेयर और जेब्रा ने इनकम्पास की लॉन्चिंग के लिए काम कर रहे हैं, जो इस तरह की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होगा. स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करानेवालों को यह रीयल-टाइम में सटीक क्रिटिकल मोबाइल सेवाएं प्रदान करता है.
वीयरेबल्स ला रहे बदलाव
सुलिवान का कहना है कि पूरे एशिया पेसिफिक में मेडिकल टेक्नोलॉजी के जरिये मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के पारंपरिक तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा रहा है. वीयरलेबल तकनीक इन्हीं में से एक है.
उदाहरण के लिए, मरीजों की देखभाल के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बारकोड रिस्टबैंड्स से मरीज के संबंधित आंकड़ों काे एकत्रित किया जा सकता है, जिससे बायो-सेंपल्स के माध्यम से किसी प्रकार के संभावित जोखिम को समय रहते जाना जा सकता है.
व्यापक तालमेल
उन्नत तकनीकों के कारण मरीजों को हेल्थकेयर की समुचित सुविधा दी जा सकती है. लेकिन, बिखरे होने के कारण इनका इस्तेमाल प्रभावी तरीके से नहीं हो पाता है. लिहाजा इसे एकत्रित करने की जरूरत है. सुलिवान कहते हैं कि इसके लिए इंटरकनेक्टेड और इंट्रोपेरेबल नेटवर्क ऑफ डाटा की जरूरत है, ताकि कम खर्च में अस्पताल ज्यादा लोगों को इलाज मुहैया कराने में सक्षम हाे सके.
क्लिनिकल मोबिलिटी
क्लिनीकल मोबिलिटी से क्लिनीकल कर्मचारियों के बीच बेहतर तालमेल कायम किया जा सकता है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करने पर इनकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है. इससे प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सकता है. साथ ही उपलब्ध इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल अधिकतम लोगों के लिए किया जा सकता है.
लोकेशन ट्रैक करना
इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड और मोबिलिटी टेक्नोलॉजीज परिपक्व हो चुकी है, और इन सभी को मिला कर इंटरप्राइज असेट इंटेलिजेंस (इएआइ) को तैयार किया गया है. इएआइ एक तरीके से ऑपरेशनल डाटा को रीयल-टाइम में विश्लेषित करने में मदद करता है और वहां होने वाली तकरीबन सभी चीजों पर नजर रखता है़
विशेषज्ञ की राय
हेल्थकेयर डिलीवरी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे रेगुलेटेड उद्योगों में इनोवेशन को अंजाम देना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. लेकिन यह जरूरी है, क्योंकि इस सेक्टर में समुचित कामयाबी के लिए तकनीक का समग्र इस्तेमाल ही प्रमुख समाधान है. वैधानिक और रेगुलेटरी संबंधी चुनौतियों के बावजूद हमें इनोवेशन की ओर बढ़ना होगा.
नाओमी फ्रीड, चीफ इनोवेशन ऑफिसर, बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पीटल, अमेरिका
रोबोटिक सर्जरी मैथॉड से क्षतिग्रस्त उतकों को बड़े आकार में देखना मुमकिन होता है. सर्जरी में रोबोटिक असिस्टेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिये हाइ रिजोलुशन से उपकरणों की देखने की क्षमता कई गुना बढ़ायी जा सकती है. भविष्य में सर्जरी की लैप्रोस्कोपिक प्रक्रिया में इसकी बड़ी भूमिका हो सकती है.
टी सुब्रह्मण्येश्वर राव, मेडिकल डायरेक्टर और चीफ सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट, बासवतरकम इंडो अमेरिकन कैंसर हॉस्पीटल, हैदराबाद
रिस्टबैंड्स और बारकोड स्कैनर
मरीज की रिस्टबैंड्स, मोबाइल बारकोड स्कैनर और मेडिकेशन टैग्स के इस्तेमाल से हेल्थकेयर मुहैया कराने वाले ऑपरेशनल फ्रेमवर्क को लागू कर सकते हैं, जहां हेल्थकेयर स्टाफ के लिए यह सुनिश्चित कर पाना आसान होता है कि सही मरीजों को सही समय पर समुचित दवा दे दी गयी है.
आपातकालीन इलाज की दशा में मरीज की जिंदगी बचाने के लिए इस तरह की तकनीक के आधार पर उसकी देखभाल करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से मैनुअल प्रोसेस को ऑटोमेट किया जा रहा हैऔर स्मार्ट लेबल्स को जोड़ते हुए मरीजों की देखभाल को मुकम्मल बनाया जा रहा है.
इनके जरिये नर्स मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट देखने के लिए मोबाइल कंप्यूटर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. साथ ही मरीज के हाथों पर लगे रिस्टबैंड से उसकी आइडी कंफर्म करते हुए सभी संबंधित कार्यों को समग्रता से अंजाम दे सकती है.
रीयल-टाइम आरएफआइडी
रीयल-टाइम आरएफआइडी या बीएलइ टेक्नोलॉजी आधारित वियरेबल्स को लोकेट करने की तकनीक से मरीज को यात्रा के दौरान भी इलाज संबंधी सेवाएं मुहैया करायी जा सकती हैं. इसका एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसकी मदद से मरीजों को मैनुअल तरीकों के विपरीत समय रहते सभी प्रकार की जरूरी चिकित्सीय सेवा प्रदान की जा सकती है.
किसी संगठन या उद्यम की तरह अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उसके सभी उपकरण समुचित तरीके से काम कर रहे हैं. अस्पतालों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां उपकरणों से लोगों की जिंदगी की सांसें जुड़ी होती हैं. मेडिकल उपकरणों को आधुनिक तकनीकों से सज्जित करने पर न केवल असेट्स को बचाये रखा जा सकता है, साथ ही लोगों की जिंदगी के साथ किसी तरह की लापरवाही न हो, इसे भी सुनिश्चित किया जा सकता है.

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