लखीसराय/चानन : एक तरफ पुलिस टाउन थाना क्षेत्र के कवैया स्थित किऊल घाट पर डंप बालू का उठाव कर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं दूसरी ओर अभी भी चानन थाना क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर किऊल नदी से रात के अंधेरे में बालू का उठाव कर बालू को जिले से बाहर भेजे जाने का खेल भी जारी है़ सूत्रों की मानें तो चानन थाना क्षेत्र स्थित किऊल नदी के वंशीपुर, मलिया घाट, गोपालपुर गुमटी टोला, कुंदर चिमनी भट्ठा के सामने से रात के अंधेरे में सौ से अधिक ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू का उठाव कर भुईका पहाड़ी, इटहरी, कारगिल चौक, लाखोचक, गोपालपुर व कुंदर के बीच मुख्य सड़क पर सहित लगभग आधे दर्जन जगहों पर बालू को डंप किया जाता है.
जहां बाहर से पहुंचे ट्रक व ट्रैक्टरों पर बालू लादकर उसे तिरपाल से ढंक, कजरा, पीरीबाजार के रास्ते मुंगेर जिला तो सूर्यगढ़ा के रामपुर, लखीसराय के विद्यापीठ चौक व बड़हिया के रास्ते मोकामा तथा तेतरहट के रास्ते हलसी व रामगढ़ चौक होते हुए शेखपुरा व सिकंदरा की ओर भेजा जा रहा है़ स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह खेल विगत 10 दिनों से धड़ल्ले से जारी है़ रात के नौ बजे से शुरू होने वाला बालू का खेल अहले सुबह तीन बजे तक जारी रहता है़
स्थानीय लोगों की मानें तो इस खेल में स्थानीय पुलिस प्रशासन व बालू माफियाओं के अलावा नक्सलियों को भी मोटी रकम का नजराना मिलता है़ सूत्रों की मानें तो बालू की ढुलाई करने वाले वाहनों के चालक व मालिक से पूर्व में ही एक निर्धारित मोटी रकम दलालों के द्वारा ले ली जाती है जिसके बाद उक्त वाहन को काम पर लगाया जाता है
तथा वसूली गयी राशि को सभी संबंधित जगहों पर निर्धारित हिसाब से बांट कर पहुंचा दिया जाता है जिससे वे बेरोकटोक अपना काम करते रहते हैं. जो वाहन दलालों को बिना रकम दिये क्षेत्र में प्रवेश कर बालू का उठाव करता है उसकी ही धड़पकड़ की जाती है. इस संबंध में जब किसी पुलिस वालों से पूछा जाता है तो वे सिर्फ नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.