बुंडू: प्रखंड के चुरगी पंचायत के लोग पत्थरगड़ी कर सरकारी नीति का विरोध कर रहे हैं. पंचायत के लोग अपने पत्थरगड़ी में भारत का संविधान लिखा है. आदिवासी बहुल इस पंचायत के लोगों का मानना है कि भारत के संविधान के अनुसार पंचायत में ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना वहां कुछ भी नहीं हो सकता है. उनका अपना संविधान है.
वे इसे अपनी तरह से चलाना चाहते हैं. वर्ष 2016-17 में चुरगी पंचायत के सारजमडीह, लोवाहातु, चुरगी और पानसकाम गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 39 आवास दिये गये हैं. इस योजना के प्रथम किस्त के रूप में लाभुकों को 26 हजार रुपये उनके बैंक खाते में दे दिया गया है. प्रथम किस्त दिये जाने के उपरांत पंचायत में पत्थरगड़ी कर दी गयी है.
पंचायत के लोगों का कहना है कि वे अपने पंचायत में कोई भी सरकारी योजना का काम नहीं लेंगे. इसी प्रकार तैमारा पंचायत के बेड़ा, हांजेद, लाबगा गांव के लोग भी सरकारी योजना के काम का विरोध कर रहे हैं. चुरगी पंचायत में वर्ष 2017-18 में 118 प्रधानमंत्री आवास दिया जाना था, जिसमें से मात्र आठ लोगों ने ही आवास लिया. इधर बुंडू बीडीओ सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में वहां के वीएलडब्ल्यूओ को निलंबित करने की अनुशंसा उच्चाधिकारियों से की है. वीएलडब्ल्यूओ का कहना है कि ग्रामीण पत्थरगड़ी कर योजना लेना ही नहीं चाहते हैं तो वे क्या कर सकते हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बार भी उस पंचायत में बुंडू बीडीओ नहीं गये हैं.