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झारखंड : स्टार्ट अप के लिए अलग से फंड तैयार करने का फैसला
पांच वर्षों में होगा हजार करोड़ का फंड रांची : राज्य सरकार ने स्टार्ट अप के लिए अलग से फंड तैयार करने का फैसला किया है. झारखंड में स्टार्ट अप वेंचर कैपिटल फंड बनाया जा रहा है. अगले पांच वर्षों में इसे कुल एक हजार करोड़ रुपये का बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें […]
पांच वर्षों में होगा हजार करोड़ का फंड
रांची : राज्य सरकार ने स्टार्ट अप के लिए अलग से फंड तैयार करने का फैसला किया है. झारखंड में स्टार्ट अप वेंचर कैपिटल फंड बनाया जा रहा है. अगले पांच वर्षों में इसे कुल एक हजार करोड़ रुपये का बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 250 करोड़ रुपये राज्य सरकार लगायेगी. शेष राशि दुनिया भर के वेंचर कैपिटलिस्ट से हासिल की जायेगी. इसके लिए उद्योग विभाग ने परामर्शी नियुक्त किया है. गुजरात वेंचर फंड लिमिटेड को मैनेजमेंट कंसल्टेंट बनाया गया है. फंड का उपयोग राज्य में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा.
इंस्टीट्यूट ऑफ क्राफ्ट भी खुलेगा : झारखंड में इंस्टीट्यूट ऑफ क्राफ्ट खुलेगा. इसके लिए राज्य सरकार गुजरात के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से एमओयू कर चुकी है. इंस्टीट्यूट में राज्य के पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों को प्रशिक्षित किया जायेगा. उनको नये डिजाइन और फैशन के ट्रेंड के मुताबिक क्राफ्ट तैयार करना बताया जायेगा. गुजरात स्थित इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की शाखा झारखंड में भी खोली जायेगी. इंस्टीट्यूट में सर्टिफिकेट और ग्रेजुएशन कोर्स की डिग्री प्रदान की जायेगी.
आइआइएम अहमदाबाद है पार्टनर
स्टार्ट को प्रोत्साहित करने के लिए झारखंड सरकार ने आइआइएम अहमदाबाद को पार्टनर बनाया है. यह संस्था झारखंड को स्टार्ट अप का हब बनाने के लिए काम कर रही है. राज्य सरकार व इस संस्था की साझेदारी में झारखंड इनोवेशन लैब का गठन किया गया है. रातू रोड स्थित झारक्राफ्ट भवन के पास झारखंड इनोवेशन लैब बनया गया है.
लैब में स्टार्ट अप के लिए नये आइडिया पर काम करने की पूरी सुविधा प्रदान की जा रही है. आइआइएम की ओर से स्टार्ट अप करने वालों की मेंटरिंग की जा रही है. सरकार द्वारा चुने गये स्टार्ट अप के लिए सस्टनेंस अलाउंस की भी व्यवस्था है. लैब के इवोल्यूशन बोर्ड द्वारा मंजूर किये गये आइडिया को अलाउंस प्रदान किया जा रहा है.
सरकार झारखंड को स्टार्ट अप हब बनाने के लिए काम कर रही है. स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ा फंड तैयार किया जा रहा है. आइआइएम अहमदाबाद को पार्टनर बनाया गया है. युवाओं से लेकर पारंपरिक कारीगरों तक को उद्यमी बनाने के लिए काम किया जा रहा है. अगले कुछ महीनों में सभी चीजें जमीन पर दिखायी देने लगेंगी.
सुनील वर्णवाल, मुख्यमंत्री के सचिव
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