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बिहार : उपचुनाव से पहले JDU को तगड़ा झटका, विधायक सरफराज आलम ने थामा राजद का दामन

पटना : बिहार में लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीटसे पहले राजद नेता स्व. तस्लीमुद्दीन सांसद थे. हाल में उनका निधन हो जाने के बाद यह सीट खाली है. इस सीट का प्रबल दावेदार तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को माना जा रहा था. हालांकि, सरफराज आलम अररिया के जोकीहाट विधानसभा […]

पटना : बिहार में लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीटसे पहले राजद नेता स्व. तस्लीमुद्दीन सांसद थे. हाल में उनका निधन हो जाने के बाद यह सीट खाली है. इस सीट का प्रबल दावेदार तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को माना जा रहा था. हालांकि, सरफराज आलम अररिया के जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक भी हैं. शनिवार को सरफराज आलम ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और राबड़ी देवी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. सरफराज आलम ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और यहां पर औपचारिक मुलाकात के लिए आये हैं.

सरफराज आलम ने राबड़ी देवी से मिलने के बाद नाटकीय ढंग से अचानक राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की मौजूदगी में राजद की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की. उसके बाद उन्होंने कहा कि पूरी सीमांचल की जनता, हमलोगों पर प्रेसर बनायी हुई है. सबसे ज्यादा प्रेसर उस वक्त हुआ जब इलाजरत तस्लीमुद्दीन साहब के देहांत के बाद पूरी सीमांचल की जनता और मेरी मां कहने लगी कि जिस पार्टी के तस्लीमुद्दीन साहब फाउंडर थे, उसी में आप चले जाइए. उसी की वजह से मैं अपने पुराने घर में वापस आया हूं. मैं जन भावना का आदर करता हूं. जब तक जदयू सेक्यूलर था, तब तक ठीक था. जब गठबंधन टूटा, तब मैंने वापसी की. मैं इतने दिनों तक लोगों की राय सुन रहा था और उसके बाद मैंने इस्तीफा दिया.

आलम ने कहा कि मैं कहां से चुनाव लडूंगा, यह पार्टी फैसला करेगी. जदयू जबतक सेक्यूलर था, तब तक मैं वहां था. शिवानंद तिवारी ने कहा कि सरफराज ने कहा कि जदयू के और सारे विधायक हैं, जो बेचैन हैं, पूरे देश की स्थिति देखकर. आगे चलकर और भी विधायक राजद में आ सकते हैं. शिवानंद ने कहा कि मांझी की तरफ से कोई बात आती है, तो हमलोग विचार कर सकते हैं. एनडीए के प्रवक्ताओं और जदयू के प्रवक्ताओं के बयानों का उल्टा हो रहा है. सरफराज ने आज ज्वाइन करने के साथ कहा कि और भी लोग हैं, जो ज्वाइन कर सकते हैं.

जब मीडियाकर्मियों ने सरफराज आलम से पूछा कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा कि यह अररिया की जनता तय करेगी. हालांकि, बताया जा रहा है कि लोकसभा का चुनाव सरफराज आलम राजद से लड़ेंगे. सरफराज आलम के इस्तीफा देने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार के एक और विधायक ने जदयू से इस्तीफा दे दिया. इंतजार कीजिए, अभी कितनी टूट होगी और होगी. तेजस्वी, तो अभी बच्चा है न जी.

गौरतलब हो कि चुनाव आयोग ने अररिया लोकसभा चुनाव के साथ बिहार में जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है. 11 मार्च को अररिया में चुनाव होना है. उस सीट पर पहले राजद नेता तस्लीमुद्दीन सांसद थे और सरफराज आलम तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं.

जदयू नेता अजय आलोक ने प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया को कहा कि मुझे यह नहीं समझ में आ रहा है कि तेजस्वी यादव को क्यों गंभीरता से ले रहे हैं. सोच कम है, गंभीरता कम है. सरफराज का इस्तीफा जदयू के लिए कोई झटका नहीं है. तुझको तमन्ना गैरों की. यहां पर कोई उसका प्रभाव नहीं है. अजय आलोक ने कहा कि अभी सरफराज ने कहा है कि उन्होंने जदयू से इस्तीफा नहीं दिया है. किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

सरफराज ने जदयू की प्रतिक्रिया पर कहा कि जिसको जो बोलना है बोले, सब लोग सम्मानित लोग हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. कहां सुरक्षित है, कहां नहीं है, सबकुछ जनता के मन मिजाज से चलता है. जनता का प्रेसर था, इसलिए इस्तीफा दिया. तेजस्वी की लहर है, इस प्रश्न पर सरफराज ने कहा कि ऐसी कोई छानबीन हमने नहीं की है.

कुछ चुनौती नहीं है, जनता का मन है, तो सब ठीक है. जनता चाह रही थी, तब ही मैंने इस्तीफा दिया. सरफराज आलम मीडिया के सवाल पर एकाएक भड़क भी उठे और कहा कि उन्होंने जनता का कहना माना है. वहीं फारबिसगंज के भाजपा विधायक ने कहा कि सरफराज आलम की पहचान बस तस्लीमुद्दीन के बेटे के तौर पर है. वह राजधानी एक्सप्रेस में लड़की छेड़ने के आरोप में जदयू से निष्कासित भी हो चुके हैं.

इससे पूर्व सरफराज आलम शुक्रवार को तेजस्वी यादव के साथ दिखे थे, उसके बाद से ही यह चर्चा तेज हो गयी थी कि आलम राजद का दामन थाम सकते हैं. राजद के सूत्रों की मानें, तो आगामी 13 फरवरी यानी की मंगलवार को सरफराज आलम विधिवत राजद का दामन थाम सकते हैं. तेजस्वी यादव ने सरफराज के इस फैसले का समर्थन करते हुए लिखा है कि बिहार के लोगों में जनादेश के अपमान के खिलाफ काफी गुस्सा है, इसका प्रमाण है, न्याय यात्रा के दौरान लोगों का समर्थन. इससे पूर्व सरफराज आलम विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद सीधे राबड़ी देवी से मिले और मीडिया को कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी मां के कहने पर इस्तीफा दिया है.

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