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रांची : अपराधियों को बचाने के लिए थाना तक घेर लेते हैं ग्रामीण

संजीत मंडल, देवघर/रांची : साइबर अपराधी चाहे वे जामताड़ा के करमाटांड़ के हों या मारगोमुंडा, पालोजोरी, घोरमारा या किसी भी जिले के. सभी अपने गांव या इलाके में प्रसिद्ध हैं. साइबर अपराधियों की टोली का जो सरगना होता है, उसकी पैठ तो पूरे गांव में होती है. क्योंकि गांव के युवाओं को सरगना ने कमाने […]

संजीत मंडल, देवघर/रांची :
साइबर अपराधी चाहे वे जामताड़ा के करमाटांड़ के हों या मारगोमुंडा, पालोजोरी, घोरमारा या किसी भी जिले के. सभी अपने गांव या इलाके में प्रसिद्ध हैं. साइबर अपराधियों की टोली का जो सरगना होता है, उसकी पैठ तो पूरे गांव में होती है.
क्योंकि गांव के युवाओं को सरगना ने कमाने का जरिया बताया है. साइबर अपराध से जुड़ने के बाद न सिर्फ अपराधियों के घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, बल्कि क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य भी बदला है.
यही कारण है कि करमाटांड़ में साइबर क्राइम का मास्टर माइंड राम कुमार उर्फ सीताराम मंडल को उसके इलाके के लोग रॉबिन हुड मानते हैं. इस साइबर ठग ने करमाटांड़ के 300-400 युवाओं को साइबर अपराध की ट्रेनिंग दी. साइबर ठगी करके लगभग घर के युवाओं ने लाखों कमाये. इस कारण घरवाले भी बच्चों को फुल सपोर्ट करते हैं.
पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधियों को उनके घरवाले और परिवार वालों का संरक्षण प्राप्त होता है. इसलिए जब पुलिस साइबर अपराधियों की तलाश में छापेमारी करने आती है, तो परिवार वाले जोरदार विरोध करते हैं.
पथराव तक कर देते हैं. थाना तक घेर लेते हैं. ऐसे कई मामले हुए हैं, जिसमें साइबर अपराधियों को पुलिस की चंगुल से छुड़ाने के लिए ग्रामीणों ने पथराव किया और पुलिस को खदेड़ा. इस कारण साइबर अपराधियों को गांव से गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
गांव के लोग प्रेस और पुलिस वालों से खासे नाराज रहते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि प्रेस वालों के कारण हम लोग बदनाम हो गये हैं. धंधा भी चौपट होता जा रहा है और हमारे बच्चे पकड़े जा रहे हैं.
पुलिस पर कब-कब हुआ हमला
मारगोमुंडा में पुलिस पर हुआ हमला
साइबर अपराधी की तलाश में गयी पुलिस टीम पर कई बार मधुपुर के जग्गाडीह में हमला हो चुका है. इस मामले में तीन बार अलग-अलग मामला भी दर्ज किया गया है. मारगोमुंडा में संयुक्त छापेमारी दल पर भी गांव वालों ने हमला कर दिया था. ये लोग गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. इस मामले में जब भी पुलिस पहुंचती है, तो अधिकतर गांव वाले उनके खिलाफ हो जाते हैं.
नावाडीह में पुलिस से भिड़े ग्रामीण
30 जुलाई 2017 को करमाटांड़ एवं नारायणपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया था. नावाडीह गांव में साइबर अपराध को अंजाम दे रहे युवक पुलिस को देख कर भागने लगे थे.
मौके पर पुलिस टीम ने दो युवक मोबिन अंसारी एवं अब्दुल अंसारी को पकड़ लिया. युवक को पकड़ कर पुलिस ला रही थी, तभी गांव वालों ने पुलिस वाहन को रोक कर दोनों को मुक्त कराने का प्रयास किया. इस दौरान ग्रामीण पुलिस से भिड़ गये.
गिरफ्तारी के विरोध में थाना घेरा था
28 दिसंबर 16 को पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी बलराम उर्फ बालो मंडल के घर में गुप्त सूचना के अाधार पर छापेमारी की थी. पुलिस ने दरवाजा खुलवाया तो घर की महिलाओं ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. इसमें नारायणपुर थाना प्रभारी और महिला पुलिस बल घायल हो गये थे.
इस दौरान घर के दो पुरुष सदस्य पंकज और उमेश को घरवालों ने भगा दिया था. इसके बाद पुलिस ने घर में मौजूद बालो मंडल एवं दो महिला को गिरफ्तार किया था. बाद में ग्रामीणों ने बालो मंडल की रिहाई की मांग करते हुए थाने का घेराव किया था.
घोरमारा में पुलिस पर किया था हमला
मोहनपुर प्रखंड स्थित घोरमारा के मोरने गांव में एक साइबर अपराधी की तलाश में जब पुलिस ने छापेमारी की, तो घर की महिलाओं ने पुलिस का विरोध किया. महिलाओं ने तो एक महिला पुलिस अधिकारी पर फरसा से वार कर दिया. किसी तरह वह अफसर बची.
साइबर अपराधियों पर पुलिस की दबिश बढ़ी है. इसलिए अब ये लोग ठिकाना बदल रहे हैं. इन्हें पकड़ने में सबसे अधिक परेशानी यह आ रही है कि इन्हें इनके परिवार वालों का संरक्षण मिलता है. ये लोग गिरफ्तारी का विरोध करते हैं. परिजन साइबर अपराध की ओर जाने से अपने बच्चों को रोकें.
ग्रामीण साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ने में मदद करें. पुलिस साइबर अपराधियों की हर हरकत पर नजर रख रही है. साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों को भी सावधान रहना होगा.
-नेहा बाला, डीएसपी, साइबर थाना, देवघर

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