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कड़िया मुंडा को पद्म भूषण मिलने पर खरसावां में जश्न

– बीजेपी नेताओं ने लड्डू बांटे, चांदनी चौक में की आतिशबाजी सचिन्द्र कुमार दाश, खरसावां स्थानीय सांसद कड़िया मुंडा को देश का प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिलने की खबर से खरसावां में जश्न का माहौल है. शनिवार को बीजेपी नेताओं ने खरसावां के चांदनी चौक में जमकर जश्न मनाया. बीजेपी जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव व […]

– बीजेपी नेताओं ने लड्डू बांटे, चांदनी चौक में की आतिशबाजी

सचिन्द्र कुमार दाश, खरसावां

स्थानीय सांसद कड़िया मुंडा को देश का प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिलने की खबर से खरसावां में जश्न का माहौल है. शनिवार को बीजेपी नेताओं ने खरसावां के चांदनी चौक में जमकर जश्न मनाया. बीजेपी जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव व सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिंहदेव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से चांदनी चौक पहुंच कर लोगों में लड्डू का वितरण किया गया. इसके बाद आतिशबाजी की.

जश्न मनाने के पटाखों से निकले कचरों की सफाई भी की गयी. बीजेपी जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव ने सांसद कड़िया मुंडा को बधाई देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने योग्य व्यक्ति को सम्मान देने का कार्य किया है. सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिंहदेव ने कहा कि कड़िया मुंडा सादगी के प्रतिमूर्ति है. उन्होंने जान हित को हमेशा सर्वपरी समझते हुए कार्य किया है.

मौके पर मुख्य रूप से लखीराम मुंडा, विजय महतो, ईश्वर महतो, प्रकाश मुखी, रमेश महतो, संजीत महतो, बबलू महतो, लाल सिंह सोय, लादूराम सोय, सुपाय सोय, ज्ञानी साहू, स्वरुप सुपकर, आमिति केशरी, राउतू हाईबुरु आदी शामिल थे. मालूम हो कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने खूंटी के सांसद कड़िया मुंडा को देश का प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार देने की घोषणा की है.

20 अप्रैल 1936 को खूंटी के अनगड़ा गांव में जन्मे कड़िया मुंडा ने रांची विश्व विद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की है. कड़िया मुंडा ने राजनीति का पहला पाठ जनसंघ से ही पढ़ा है. 70 के दशक में कड़िया मुंडा पहली बार जनसंघ से जुड़े और फिर बाद में बिहार प्रदेश जनसंघ में सहायक सचिव के रूप में कार्य किया. भाजपा में भी दो बार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व अनुसूचित जन जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे पदों पर रह चुके है.

केंद्र की अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में कड़िया मुंडा कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने के बाद 1977 में कड़िया मुंडा पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर खूंटी से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे. वर्ष 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2009 व 2014 के लोस चुनाव में खुंटी से संसद तक पहुंचने में कामयाब रहे. केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के तीन बार मंत्री व 2009 से 2014 तक लोस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.

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