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रांची : दिव्यांगों का कंपोजिट रीजनल सेंटर चलना कहां है, तय नहीं
जनवरी के अंत या फरवरी में शुरू होना था, अब तक भवन की हो रही है खोज रांची : दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ राज्य का पहला कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) कहां बनेगा, यह गत पांच-छह माह में भी साफ नहीं हो सका है. इस सेंटर का संचालन भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की […]
जनवरी के अंत या फरवरी में शुरू होना था, अब तक भवन की हो रही है खोज
रांची : दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ राज्य का पहला कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) कहां बनेगा, यह गत पांच-छह माह में भी साफ नहीं हो सका है. इस सेंटर का संचालन भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की संस्था स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कटक के जरिये होगा. सेंटर की सहमति के बाद इसके संचालन के लिए उपयुक्त जगह खोजी जा रही है.
इससे पहले नामकुम प्रखंड कार्यालय के पास स्थित समाज कल्याण विभाग के एक भवन को इसके लिए उपयुक्त पाया गया. अभी यहां महिलाअों के पुनर्वास व प्रशिक्षण के लिए एक केंद्र का संचालन एनजीअो के माध्यम से हो रहा है. इसे कहीं और स्थानांतरित करने का आदेश 20 दिसंबर को ही विभाग ने जारी किया था.
पर अब इस केंद्र को वहां से हटाने का इरादा बदल दिया गया है. सेंटर का संचालन जनवरी अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू होना था. पर मामला लटक गया है. दूसरी अोर केंद्र सरकार के उपरोक्त संस्थान की अोर से सेंटर में निदेशक व सहायक प्रोफेसर, प्राध्यापक, व्यावसायिक अनुदेशक व पुनर्वास अधिकारी सहित अन्य के 19 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है. अावेदन देने की अंतिम तिथि 18 मार्च है.
सेंटर में 19 पदों पर नियुक्ति के लिए निकाला गया है विज्ञापन
क्या है सीआरसी
सीआरसी या कंपोजिट रीजनल सेंटर में दिव्यांग जनों के संपूर्ण विकास का काम होता है. उन्हें शिक्षित व प्रशिक्षित करने के लिए यहां मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जाता है. सेंटर में साइकोलॉजिस्ट व काउंसेलर सहित अन्य पदाधिकारी होते हैं. दिव्यांगों का पुनर्वास तथा कृत्रिम अंग बनाने का भी काम सीआरसी में होता है.
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