भाजपा पहले ही सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग कर चुकी है. अब कांग्रेस ने भी सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग की है. सिर्फ इतना ही नहीं, इस मांग को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर आंदोलन का भी ऐलान किया है. आज हिलकार्ट रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पार्टी के जिला अध्यक्ष तथा माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी के विधायक शंकर मालाकार ने सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कालिम्पोंग के मुकाबले सिलीगुड़ी की जनसंख्या और ढांचागत सुविधाएं काफी अधिक है. उसके बाद भी सिलीगुड़ी की उपेक्षा की जा रही है. पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलीपुरद्वार को जिला बनाया. उसके बाद कालिम्पोंग जैसे छोटे शहर को भी जिला बना दिया गया. उन्हें लग रहा था कि मुख्यमंत्री कालिम्पोंग के साथ ही सिलीगुड़ी को जिला बनायेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. दरअसल, राज्य की तृणमूल सरकार द्वारा सिलीगुड़ी की अपेक्षा की जा रही है.
यहां के लोगों को विभिन्न सरकारी कार्यों के लिए दार्जिलिंग जाना पड़ता है. इससे समय और पैसे दोनों की बरबादी होती है. सिलीगुड़ी की आबादी करीब 15 लाख होने के बाद भी इसको जिला न बनाना अपने आप में काफी आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग में पार्टी ने बड़े पैमाने पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. पहले चरण में सिलीगुड़ी महकमा के विभिन्न ब्लॉकों में आंदोलन के साथ ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को ज्ञापन दिया जायेगा. इस महीने की 27 या 28 तारीख को राज्यपाल द्वारा समय देते ही उन्हें ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है.
श्री मालाकार ने यह भी कहा कि अपनी इस मांग को लेकर कांग्रेस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगी. मुख्यमंत्री कार्यालय से मुलाकात का समय मांगा गया है. एक बार समय मिलते ही कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री से मिलेंगे और सिलीगुड़ी को अलग से जिला बनाने की मांग करेंगे. उसके बाद भी यदि राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन की धार को और तेज किया जायेगा. एक मई के बाद सिलीगुड़ी में बंद बुलाने की भी योजना कांग्रेस की है. श्री मालाकार ने कहा कि वह लोग अलग जिले से कम कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि एक मई के बाद दार्जिलिंग के जिला अधिकारी का बहिष्कार किया जायेगा. वह लोग जिला अधिकारी से मिलने अथवा किसी भी प्रकार की बातचीत करने के लिए दार्जिलिंग नहीं जायेंगे. जिला अधिकारी को सिलीगुड़ी आकर बैठना होगा. उन्होंने आगे बताया कि सिलीगुड़ी महकमा के अधीन विभिन्न ब्लॉकों में भी कांग्रेसकर्मी आंदोलन करेंगे. धरना-प्रदर्शन के साथ ही जिला बनाने की मांग को लेकर सामूहिक हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन सौंपा जायेगा.