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ऊंचाई और वजन का संतुलन बताता है बॉडी मास इंडेक्स

बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआइ व्यक्ति की ऊंचाई और वजन के संतुलन को बताता है. यह सिर्फ इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति का वजन कम या ज्यादा तो नहीं. इस संकेतक का आविष्कार बेल्जियम के वैज्ञानिक एडॉल्फ केटेलेट ने सन् 1830 से 1850 के बीच कभी किया. उनके नाम पर इसे केटेलेट […]

बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआइ व्यक्ति की ऊंचाई और वजन के संतुलन को बताता है. यह सिर्फ इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति का वजन कम या ज्यादा तो नहीं. इस संकेतक का आविष्कार बेल्जियम के वैज्ञानिक एडॉल्फ केटेलेट ने सन् 1830 से 1850 के बीच कभी किया.
उनके नाम पर इसे केटेलेट इंडेक्स भी कहते हैं. इसे निकालने का आसान तरीका है व्यक्ति अपने वजन को अपनी ऊंचाई के वर्ग मीटर से भाग दे, तो जो प्राप्त होगा वह उसका बीएमआइ है. आमतौर पर यह इंडेक्स 18.5 से 25 के बीच रहना चाहिए. 25 से ऊपर का अर्थ है व्यक्ति का वजन ज्यादा है और 18.5 से कम का अर्थ है वजन कम है.
छठी इंद्रिय या सिक्स्थ सेंस के होते हैं कई अर्थ
सिक्स्थ सेंस के कई अर्थ होते हैं. एक अर्थ है-व्यक्ति का शारीरिक संतुलन सामर्थ्य. किसी चीज की अनुभूति शारीरिक अंगों से न होकर मानसिक अनुभूति. पूर्वाभास, टेलीपैथी जैसे कई नाम इसे दिये जाते हैं. इसे अतीन्द्रिय अनुभूति भी कहते हैं. इसे यह नाम जर्मन मनोविज्ञानी रुडॉल्फ टिशनर ने दिया और ड्यूक विश्वविद्यालय के मनोविज्ञानी जेबी राइनर ने चलाया.
बहुत लोगों की मान्यता है कि इस दृश्य जगत से परे भी एक लोक है. इस अनुभूति का संबंध उस लोक से जोड़ते हैं. इसे परामनोविज्ञान का नाम देकर इसका अध्ययन भी करते हैं. कुछ लोग ऐसी शक्तियां पास होने का दावा करते हैं. कुछ लोग भविष्य में होनेवाली बातों को देख सकने की क्षमता का दावा करते हैं. कई बार सामान्य लोगों को भी कई बातों का पूर्वाभास हो जाता है. कुछ लोग जमीन पर कान लगाकर बता देते हैं कि नीचे पानी है या नहीं. है तो कितनी गहराई पर है.
मनुष्यों के अलावा अन्य प्राणियों में ऐसी अनुभूति होती है या नहीं, ऐसा तभी कहा जा सकता है जब कोई प्राणी ऐसा दावा करे. अलबत्ता पशु-पक्षियों, मछलियों, कीड़ों, चींटियों और कई बार वनस्पतियों के व्यवहार से लोग अनुमान लगाते हैं कि कुछ होनेवाला है. बाढ़, आंधी-पानी, भूकंप और सुनामी की पूर्व जानकारी पक्षियों के व्यवहार से लगती है. कुछ पक्षियों में दिशा ज्ञान जबर्दस्त होता है. वे मौसम बदलने पर एक जगह से दूसरी जगह की हजारों मील की यात्रा करते हैं.
अमेरिका के एक अस्पताल में विचरण करनेवाले बिल्ले के बारे में दावा किया गया कि उसे मरीज के मरने का आभास हो जाता है. न्यू इंगलैंड जर्नल ऑफ मेडिसन ने जुलाई, 2007 के अंक में रोड आयलैंड के स्टीयर हाउस नर्सिंग एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में विचरण करनेवाले ऑस्कर नाम के इस बिल्ले के बारे में जानकारी दी गयी कि यह बिल्ला जिस मरीज के बिस्तरे के नीचे डेरा जमाता है, उसकी मौत हो जाती है. कम से कम 25 मरीजों के साथ ऐसा हुआ. उसकी इस ख्याति पर लोगों ने उसे अपने कमरे में घुसने से रोकना शुरू किया. इस पर वह गुर्रा कर और शोर मचा कर अपने गुस्से का इजहार भी करता था. इसी तरह भूकंप के पहले चींटियों का निकलना, चूहों का भागना जैसी बातें हैं. इन बातों का तार्किक विवेचन यहां संभव नहीं है.

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