मेलबर्न : समुद्र में गर्म हवाओं के कारणों और प्रभाव की पहचान करने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया की शोध साङोदारी के तहत हिंद महासागर में सेंसर वाले रोबोटिक बेड़े छोड़े जाएंगे.
‘कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन’ (सीएसआईआरओ) के आज जारी एक बयान में कहा गया है कि आर्गो नामक ये बेड़े वास्तव में मुक्त रुप से तैरने वाले 3,600 सेंसरों का एक नेटवर्क है जो खुले समुद्री क्षेत्रों में काम करते हैं और समुद्री तापमान तथा लवणता के बारे में सटीक आंकड़े मुहैया कराते हैं.बयान में कहा गया है कि नये ‘बायो आर्गो’ बेड़े समुद्र में वर्ष 2014 के मध्य में छोड़े जाएंगे.
फिलहाल हिंद महासागर की सतह के नीचे ऐसी ही बेड़ों की प्रौद्योगिकी पहले ही समुद्री पारिस्थितिकी के रसायन और जैवविज्ञान में बदलाव का पता सफलतापूर्वक लगा रही है. नये ‘बायो आर्गो’ बेड़े इस प्रक्रिया को गति देंगे. ‘बायो आर्गो’ बेड़ों में अतिरिक्त सेंसर लगाए गए हैं जो पानी में घुली ऑक्सीजन, नाइट्रेट, क्लोरोफिल के साथ साथ वहां बिखरे कार्बनिक तत्वों और अन्य कणों के प्रति संवेदनशील होंगे.