वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि अमेरिका, एशिया प्रशांत क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित रखेगा और भविष्य में वृहत्तर सुरक्षा के लिए लगातार काम करता रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने ‘‘कूटनीति को अवसर देने के लिए’’ ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के कांग्रेस के किसी भी विधेयक को वीटो करने का भी संकल्प लिया.
कांग्रेस के अपने छठे संबोधन में ओबामा ने विश्व के कई क्षेत्रों के बारे में बात की और अपनी विदेश नीति के प्रमुख पहलुओं पर जोर दिया. उनके संबोधन में हालांकि भारत का कोई जिक्र नहीं था, जबकि उन्होंने आर्थिक परिप्रेक्ष्य में एक बार चीन का नाम जरुर लिया.
ओबामा ने संसद के दोनों सदनों के वार्षिक संयुक्त संबोधन में कहा, ‘‘हम एशिया प्रशांत पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे, जहां हम अपने सहयोगियों को समर्थन देते हैं, वृहत्तर सुरक्षा और समृद्धि के भविष्य का आकार तैयार करते हैं और आपदा प्रभावितों की मदद करते हैं-जैसा कि हमने फिलीपीन में किया, जब हमारे मरीन और असैन्यकर्मी तूफान से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए गए और जहां हमारा इस तरह के शब्दों से अभिवादन हुआ कि ‘हम आपकी दयालुता को कभी नहीं भूलेंगे’ और ‘ईश्वर अमेरिका पर कृपा’ करे.’’
ओबामा ने कहा कि प्रतिबंधों ने ईरान को वार्ता की मेज पर लाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि अब यदि कांग्रेस की ओर से उन्हें ईरान पर नए प्रतिबंधों के लिए कोई विधेयक भेजा जाता है तो वह इसे वीटो करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित के लिए हमें कूटनीति को एक अवसर देना चाहिए.’’ ओबामा ने कहा कि ईरान ने उच्च स्तर के संवर्धित यूरेनियम के भंडार को खत्म करना शुरु कर दिया है.
ओबामा ने कहा कि 60 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक पहले ही अफगानिस्तान से स्वदेश लौट आए हैं.उन्होंने कहा, ‘‘जहां अफगानिस्तान बल अपनी सुरक्षा के लिए नेतृत्व में हैं, हमारी सेना समर्थन की भूमिका में चली गई है. अपने सहयोगियों के साथ मिल कर हम इस साल के अंत में अपना मिशन पूरा करेंगे, और अमेरिका की सबसे लंबी जंग आखिरकार खत्म होगी.’’ उन्होंने आतंकवाद विरोधी जंग का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका अब भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है.
ओबामा ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि खतरा बना है. जहां हमने अल कायदा के शीर्ष नेतृत्व को हार की राह पर डाल दिया, खतरे ने नया रुप लिया है क्योंकि अल-कायदा संबद्ध संगठनों और दूसरे आतंकवादियों ने दुनिया के दूसरे हिस्सों में जड़ जमाई है.’’