ह्यूस्टन : अमेरिका की एक शोध एजेंसी ने भारतीय अमेरिकी न्यूरो वैज्ञानिक खलील रजाक को उनकी परियोजनाओं पर शोध आगे बढ़ाने के लिए 8,66,902 डॉलर का पांच वर्षीय अनुदान दिया है.
नेशनल साइंस फाउंडेशन ने रजाक को उनके उस शोध के लिए पुरस्कृत किया है, जिसमें उन्होंने इस बात का अध्ययन किया था कि मस्तिष्क रोजमर्रा की आवाजों पर कैसे काम करता है और किस तरह इसका इस्तेमाल लंबे समय से चली आ रही श्रवण संबंधी समस्याओं तथा फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम के लिए उपचार तैयार करने में किया जा सकता है.
मूल रुप से चेन्नई निवासी रजाक कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और तंत्रिका विज्ञान के सहायक प्रोफेसर हैं.
यहां स्थित उनकी प्रयोगशाला इस बात का अध्ययन करती है कि किस तरह मस्तिष्क का सुनने वाला हिस्सा आवाजों के लिए प्रतिक्रिया देता है और किस तरह इनमें अनुभव, बीमारी और उम्र बढ़ने के साथ बदलाव आता है.