स्टॉकहोम : जापान के तकाकी कजीता और कनाडा के ऑर्थर मैक्डोनाल्ड को आज भौतिकी-शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई. न्यूटरीनो की ‘‘गिरगिट की तरह रंग बदलने’ वाली प्रकृति की खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. इस खोज से यह अहम नजरिया विकसित हो सका है कि सूक्ष्म कणों में भी द्रव्यमान होते हैं. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि दोनों शोधकर्ताओं ने उन प्रयोगों में अहम योगदान किए जिनमें दिखाया गया कि न्यूटरीनो ब्रह्मांड में जब गुजरते हैं तो लगभग प्रकाश की गति से अपनी पहचान बदलते हैं.
न्यूटरीनोज परमाणु अभिक्रियाओं, जैसे – सूर्य, तारों या परमाणु उर्जा संयंत्रों, में पैदा होने वाले सूक्ष्म कण होते हैं. न्यूटरीनोज तीन तरह के होते हैं और नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गए वैज्ञानिकों ने दिखाया कि वे एक प्रकार से दूसरे प्रकार में दोलित होते हैं. इससे यह मान्यता कमजोर होती है कि वे द्रव्यमानविहीन होते हैं.
एकेडमी ने कहा, ‘‘इस खोज ने पदार्थ की आंतरिक क्रियाओं को लेकर हमारी समझ को बदल दिया है और ब्रह्मांड को हम जिस तरह से देखते हैं, उसमें यह अहम साबित हो सकता है.’ 56 साल के कजीता जापान की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ तोक्यो’ के प्रोफेसर और इंस्टीट्यूट फॉर कॉस्मिक रे रिसर्च के निदेशक हैं. 72 साल के मैक्डोनाल्ड कनाडा के किंग्सटन में क्वींस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटस हैं.