तोक्यो : जापानी द्वीप पर तूफान के बाद हुए भू-स्खलन में लोग मलबे में दब गए और दर्जनों मकान तबाह हो गए. राहतकर्मियों को बचाव कार्य के लिए इस मलबे को खंगालना पड़ रहा है. अधिकारियों ने आज माना है कि यदि लोगों को पहले यहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया होता तो जिंदगियां बचाई जा सकती थीं.सरकार ने कहा कि वीफा तूफान से कम से कम 18 मौतों की पुष्टि हो गई है और 45 लोग लापता हैं.
कल जापान के पूर्वी तट से टकराए इस तूफान में तोक्यो से 120 किलोमीटर दक्षिण की ओर स्थित इझू ओशिमा द्वीप सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. लगभग 1100 बचावकर्मी गिरे हुए पेड़ों, ध्वस्त मकानों और अन्य मलबे में लोगों के जीवित होने की उम्मीद के साथ चिल्ला रहे हैं. स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने अपनी इमारतों से कीचड़ साफ कर लिया है.
इझू ओशिमा के मेयर मासाफुमी कावाशिमा ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यदि लोगों को पहले यहां से निकाल लिया गया होता तो शायद ज्यादा जानें बचाई जा सकती थीं. हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं और हमें माफी मांगनी चाहिए.’’
एक सरकारी प्रवक्ता कात्सुनोबू कातो ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें लगता है कि मूसलाधार बारिश के बारे में पहले ही चेतावनियां जारी कर दी गई थीं. उन्होंने कहा कि भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए इलाकों को नक्शों पर खतरनाक क्षेत्रों के रुप में दर्शाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन शिकायतों का तथ्यात्मक आधार ढूंढ रही है, जो कहती हैं कि लोगों को सुरक्षित निकालने के आदेश जारी किए जाने चाहिए थे. अग्निशमन और आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि इझू ओशिमा के 283 मकानों समेत 350 से ज्यादा मकान या तो टूट-फूट गए हैं या फिर नष्ट हो गए हैं.