13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाक सीनेट ने प्रस्ताव पारित कर भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा की

इस्लामाबाद: ढाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों और अन्य भारतीय नेताओं के बयानों को लेकर विरोध तेज करते हुए पाकिस्तान की सीनेट ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके बयानों को भडकाउ और द्वेषपूर्ण करार देते हुए इनकी निंदा की और कहा कि इन बयानों से भारत की आधिपत्य जमाने वाली सोच झलकती […]

इस्लामाबाद: ढाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों और अन्य भारतीय नेताओं के बयानों को लेकर विरोध तेज करते हुए पाकिस्तान की सीनेट ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके बयानों को भडकाउ और द्वेषपूर्ण करार देते हुए इनकी निंदा की और कहा कि इन बयानों से भारत की आधिपत्य जमाने वाली सोच झलकती है.

पाकिस्तान के नेता बांग्लादेश में मोदी द्वारा हाल ही में दिये गये इन बयानों की निंदा कर रहे हैं कि पाकिस्तान भारत में अशांति पैदा कर रहा है और आतंकवाद को बढावा दे रहा है.

सदन के नेता राजा जफरल हक द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, भारत की इस तरह की कोशिशें अस्वीकार्य हैं और पाकिस्तान अधिपत्य जमाने वाली इस सोच को खारिज करता है. प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों को भडकाउ और द्वेषपूर्ण करार देते हुए इनकी निंदा की गयी है.

प्रस्ताव के अनुसार संसद का उच्च सदन इस बात पर जोर देना चाहता है कि पाकिस्तान कभी किसी भी बहाने से अपने क्षेत्र का भारत द्वारा उल्लंघन नहीं होने देगा. सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड ने म्यामांर में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कहा था कि यह अन्य देशों के लिए संदेश है जिसे पाकिस्तान को चेतावनी समझा गया था.

रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल किसी भी घुसपैठ का मुंहतोड जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं और पाकिस्तानी लोग अपने सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे हैं.

प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा करते हुए कहा गया कि इस तरह के बयान पाकिस्तान को अस्थिर करने के भारत के इरादे के बारे में उसकी आशंकाओं की पुष्टि करते हैं.

सदन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि इस तरह के भडकाउ बयानों का संज्ञान लें जो क्षेत्रीय शांति, संप्रभुता और स्थिरता की संभावनाओं को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करते हैं. प्रस्ताव के अनुसार जब पूरा पाकिस्तान, खासकर सशस्त्र बल आतंकवाद के खिलाफ लडाई में लगे हैं, ऐसे में भारतीय उकसावे न केवल पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक अभियान की अनदेखी कर रहे हैं बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों को मदद कर रहे हैं.

चर्चा समाप्त करते हुए हक ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री का बयान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के खिलाफ है. हक ने आरोप लगाया कि भारत एक तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने के निरर्थक प्रयास कर रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अवहेलना कर रहा है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सुरक्षा बल दुनिया को आतंकवाद से बचाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ लडाई में लगे हैं. हक ने दावा किया कि इस जंग से ध्यान हटाने की भारत की गतिविधियां मानवता के खिलाफ जुर्म है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें